पैंगोग सो में ताजा झड़प के बाद भारत-चीन के बीच तीसरी सैन्य वार्ता

नयी दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के पास भारत-चीन के जवानों के बीच हुई ताजा झड़पों को हल करने के लिए भारतीय और चीनी सेना ने मंगलवार को चुशुल में तीसरे दौर की बातचीत शुरू की। एक सूत्र ने कहा, ब्रिगेड कमांडर स्तर की बातचीत सुबह 10 बजे चुशूल में शुरू हुई। पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर तीन विवादास्पद प्वाइंट विचार-विमर्श का एजेंडा हैं। भारत ने ब्लैक टॉप और हेल्मेट टॉप के पास के इलाकों में चीनी सेना की तैनाती को लेकर भी चिंता जताई है।

भारतीय सैनिकों ने पहाड़ी चोटियों को अपने अधिकार में ले लिया है और चीनी चाहते हैं कि वे पीछे हट जाएं। दोनों पक्षों के बीच सोमवार को भी पांच घंटे तक बातचीत हुई। भारतीय और चीनी सेना के बीच पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर झड़प हुई थी, जहां चीनी करीब 450 सैनिक लेकर आए और यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया, भारतीय सेना ने कहा कि इसने प्रतिद्वंद्वी के प्रयास को विफल कर दिया।

सूत्रों ने कहा कि चीनी पीपल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों ने रस्सियों और अन्य चढ़ाई उपकरणों की मदद से पैंगोंग सो के दक्षिण तट पर ब्लैक टॉप और ठाकुंग हाइट्स के बीच एक ‘टेबल-टॉप’ एरिया पर चढ़ना शुरू कर दिया। हल्ला-गुल्ला सुनकर भारतीय सेना सतर्क हो गई और कार्रवाई में जुट गई। इससे पहले, भारतीय खुफिया एजेंसियों ने भारतीय सेना को एलएसी के साथ अन्य क्षेत्रों में यथास्थिति को बदलने की पीएलए की योजना के बारे में सतर्क किया था। इसके बाद, दोनों पक्षों के बीच झड़पें हुईं लेकिन चीजें आगे नहीं बढ़ीं। जब चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों की ताकत देखी, तो झड़पें रुक गईं।

एक सूत्र ने कहा, दोनों देशों की सेनाएं अब भी आमने-सामने खड़ी हैं। सेनाओं को इलाके से पीछे हटाने के लिए चुशुल में एक ब्रिगेड कमांडर-स्तरीय फ्लैग मीटिंग हो रही है। भारतीय सेना ने हालांकि, झड़प की बात से इनकार किया है। भारतीय सेना ने यहां जारी एक बयान में कहा कि 29 अगस्त और 30 अगस्त, 2020 की मध्यरात्रि को, पीएलए के सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध के दौरान सैन्य और राजनयिक वार्ता में पूर्व में हुई सहमति का उल्लंघन किया और यथास्थिति बदलने की कोशिश की।

बल ने कहा, भारतीय सैनिकों ने पैंगोग झील के दक्षिणी तट पर चीनी सेना की कोशिश को नाकाम कर दिया। भारतीय सेना ने यह भी कहा कि वो बातचीत के माध्यम से शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन भारत की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए भी समान रूप से दृढ़ है। चीन ने सोमवार को कहा कि इसके सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार नहीं किया।

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