तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर । बांग्लादेश “मास्टर्स एथलेटिक एसोसिएशन” द्वारा आयोजित दो दिवसीय मास्टर्स एथलेटिक मीट में भाग लेते हुए पूर्व मेदिनीपुर के एकमात्र प्रतियोगी दुर्गापद मासांत ने 5 किमी पैदल चाल में स्वर्ण पदक जीता है। इससे पहले 2019 में उन्होंने मेदिनीपुर शहर में आमंत्रण अंतरराष्ट्रीय मास्टर्स मीट में कांस्य पदक जीता था। उसी साल हल्दिया के सीपीटी ग्राउंड में मास्टर्स स्टेट मीट की तीनों स्पर्धाओं में गोल्ड की हैट्रिक भी बनाई थी। मासांत कोरोना वायरस के कारण दो साल से मैदान में नहीं उतर पाने के बावजूद ऑनलाइन प्रतियोगिताओं में कई क्षेत्रों में सफल रहे हैं।
इस साल उन्होंने हुगली के जिला मैदान में आयोजित राज्य प्रतियोगिता में रजत जीत कर बांग्लादेश के लिए अपना स्थान पहले ही सुरक्षित कर लिया था। पैर में चोट के कारण पहले दिन पदक नहीं मिलने के बावजूद पूर्व मेदिनीपुर के यह इकलौते एथलीट हैं, जिन्होंने दूसरे दिन की पहली स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। इससे वे बेहद खुश हैं। वे खेल मैदान के साथ-साथ अकादमिक रूप से भी उतने ही सफल हैं। 2019 में उन्हें पश्चिम बंगाल सरकार के शिक्षा विभाग से ‘शिक्षा रत्न’ पुरस्कार मिला था। विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में लिखने के अलावा उनकी तीन जीवनी पुस्तकें भी हैं। इसके अलावा वह अब तक विभिन्न बहस मंचों पर करीब 50 मामलों में सफल हो चुके हैं।
मासांत 2021 में सेवानिवृत्त होने के बाद वर्तमान में केटीपीपी हाई स्कूल में अतिथि शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। वे कहते हैं – “मैं मैदान में चैंपियन बनने के लिए नहीं, बल्कि अपने शरीर और दिमाग को स्वस्थ रखने और अंतरराष्ट्रीय स्तर के एथलीटों के साथ दौड़ने का एक अनूठा अनुभव प्राप्त करने के लिए जाता हूं। उनकी सलाह है – इलाज़ के लिए ‘वेल्लोर मत जाओ, सब मैदान में आओ’। शिक्षा के अलावा इस पूर्व शिक्षक ने क्षेत्र में फिर से पूर्व मेदिनीपुर को गौरवान्वित किया है।