सिलीगुड़ी : स्टेट बैंक ऑफ इंडिया केंद्र सरकार के बैंकों के निजीकरण के फैसले के खिलाफ लड़ने को पूरी तरह तैयार है। रविवार को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ऑफिसर्स एसोसिएशन (बंगाल सर्किल) के सिलीगुड़ी मॉड्यूल की एडमिनिस्ट्रेटिव जोनल कमेटी की 39वीं वार्षिक आम सभा सिलीगुड़ी के एक निजी होटल में आयोजित की गई। बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय स्टेट बैंक, सिलीगुड़ी अंचल के उप महाप्रबंधक (व्यवसाय एवं प्रशासन) वीरेंद्र सिंह उपस्थित थे।
एसबीआईओए (बंगाल सर्किल) के महासचिव सुभज्योति चट्टोपाध्याय, सर्किल अध्यक्ष असित्वा कुंडू, रूपम रॉय, महासचिव ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन (एआईबीओसी), अध्यक्ष ऑल इंडिया स्टेट बैंक ऑफिसर्स फेडरेशन (एआईएसबीओएफ) और महासचिव एसबीआईओए (एन.ई.) सर्किल अरित्र साहा, सिलीगुड़ी प्रशासनिक क्षेत्र के मुख्य क्षेत्रीय सचिव और 600 से अधिक एसबीआईओए सदस्य बैठक में शामिल हुए। बैठक में उपस्थित सभी नेताओं ने ट्रेड यूनियन के अधिकारों और भारत में सामाजिक-आर्थिक विकास के मुद्दों को लेकर चिंता जताई।
इन लोगों ने केंद्र सरकार के बैंकों के निजीकरण के फैसले की निंदा की। उन्होंने कहा, “यह फैसला मजदूर विरोधी, जनविरोधी नीति है। जब किसी बैंक का निजीकरण होता है तो कर्ज लेने, बचत आदि जैसी कई सेवाओं में ग्राहकों को परेशानी होती है। निजी बैंकों की तुलना में हमारे पास कर्मचारी कम हैं और सरकार ज्यादा काम कराती है।” सरकारी योजनाओं के लिए हम लोगों की सेवा के लिए उन्हें अधिक समय नहीं मिलता। निजीकरण से सभी को नुकसान होगा और यह कम विश्वसनीय हो जाएगा। राष्ट्रीय खजाने पर खर्च बढ़ेगा और आम लोगों के हित बाधित होगा।”