नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि सीमा पार आईएस से प्रेरित आतंकवाद भारत और इंडोनेशिया के लिए खतरा बना हुआ है। वह दोनों देशों में आपसी शांति और सामाजिक सद्भाव की संस्कृति को बढ़ावा देने में उलेमा की भूमिका पर विचार साझा कर रहे थे। डोभाल ने दिल्ली में इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में संबोधित करते हुए कहा कि भारत और इंडोनेशिया आतंकवाद और अलगाववाद के शिकार हुए हैं, हालांकि चुनौतियों पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। कार्यक्रम की शुरुआत में उन्होंने इंडोनेशिया में आए भूकंप के पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
डोभाल ने कहा कि भारत और इंडोनेशिया मिलकर दुनिया को बड़ा संदेश दे सकते हैं। उन्होंने सामाजिक समरसता के प्रतीक होने के नाते इंडोनेशिया की सराहना की और कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी होने के बावजूद देश अपने पुराने रीति-रिवाजों से जुड़ा रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यटन दोनों देशों के बीच सहयोग का एक महत्वपूर्ण सेतु रहा है, क्योंकि लाखों भारतीय बाली जाते हैं और इंडोनेशियाई लोग भारत में ताजमहल देखने आते हैं।
डोभाल ने कहा कि दोनों देशों के बीच आर्थिक और सुरक्षा संबंध तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि देशों के पास अपने इतिहास, विविधता, साझा परंपराओं और बढ़ते द्विपक्षीयवाद के कारण वैश्विक व्यवस्था में बदलाव की पृष्ठभूमि के खिलाफ एशिया में शांति, क्षेत्रीय सहयोग और समृद्धि बढ़ाने की क्षमता है।
इंडोनेशिया के मंत्री मोहम्मद महफुद एमडी दो दिवसीय भारत दौरे पर हैं। इंडोनेशिया के राजनीतिक, कानूनी और सुरक्षा मामलों के समन्वय मंत्री महफुद के साथ उलेमा का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है। बैठकों के दौरान उलेमाओं के साथ उग्रवाद और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर चर्चा की गई।