कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी बुधवार को राज्य के नवनियुक्त राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए। अधिकारी ने कहा कि समारोह में उनके बैठने की व्यवस्था दो ऐसे विधायकों के साथ की गई, जो 2021 के विधानसभा चुनावों में भाजपा से चुनाव जीते, लेकिन बाद में इस्तीफा दिए बगैर ही तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने कहा कि सरकार ने उनका अपमान किया है।
गौरतलब है कि बगदाह से विश्वजीत दास और रायगंज से कृष्णा कल्याणी 2021 के चुनाव में भाजपा विधायक के रूप में चुने गए थे। लेकिन नतीजे आने के बाद वे तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। हालांकि पश्चिम बंगाल विधानसभा के आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार दास और कल्याणी अभी भाजपा के विधायक हैं। अधिकारी ने बताया कि विधायक के रूप में दास और कल्याणी की अयोग्यता से संबंधित मामला विधानसभा अध्यक्ष के पास लंबित है।
उन्होंने कहा कि राज्य के कैबिनेट मंत्री के रैंक के समकक्ष विपक्ष के नेता के इस तरह बैठने की व्यवस्था उनके लिए घोर अपमान थी, इसलिए उन्होंने समारोह को छोड़ने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि वह नए राज्यपाल को उनकी अनुपस्थिति के कारण से अवगत कराएंगे और बैठने की व्यवस्था की एक तस्वीर भी दिखाएंगे।
मंगलवार को अधिकारी ने उन्हें शपथ ग्रहण समारोह का न्योता भेजने में देरी की शिकायत भी की थी। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि अधिकारी अपने अभद्र रवैये को सही ठहराने के लिए आधारहीन बहानों का सहारा ले रहे हैं।
समारोह सुबह 10.45 बजे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, विधानसभा अध्यक्ष बिमन बंदोपाध्याय और पश्चिम बंगाल कैबिनेट के वरिष्ठ सदस्यों सहित अन्य लोगों की उपस्थिति में हुआ। शपथ कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव ने दिलाई।