Wind Energy Solar

सात एशियाई देशों ने की सौर ऊर्जा उत्पादन से लाखों डॉलर की बचत

  • वर्ष 2022 की पहली छमाही में ही जीवाश्म ईंधन की लागत से 34 बिलियन अमेरिकी डॉलर का खर्च बचाया गया

Climateकहानी। एंबर, सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरईए) और इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस (आईईईएफए) द्वारा आज प्रकाशित एक रिपोर्ट में पाया गया है कि सौर ऊर्जा उत्पादन ने सात एशियाई देशों में वर्ष 2022 की पहली छमाही में ही जीवाश्म ईंधन की लागत में 34 बिलियन अमेरिकी डॉलर का खर्च बचाया। विश्लेषण से पता चलता है कि बढ़ते जीवाश्म ईंधन की कीमतों के मद्देनजर, एशिया में बिजली की मांग को पूरा करने और ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने में सौर ऊर्जा पहले से ही महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

सौर ऊर्जा उत्पादन ने जनवरी से जून 2022 तक सात प्रमुख एशियाई देशों – चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, फिलीपींस और थाईलैंड में कुल मिलाकर लगभग 34 बिलियन अमेरिकी डॉलर की संभावित जीवाश्म ईंधन लागत की बचत की है। यह इस अवधि के दौरान कुल जीवाश्म ईंधन लागत के 9% हिस्से के बराबर है। रिपोर्ट ने पिछले दशक में सौर ऊर्जा के विकास का भी विश्लेषण किया, इस विश्लेषण में पाया गया कि सौर क्षमता वाली शीर्ष दस अर्थव्यवस्थाओं में से पांच अब एशिया में हैं, जिनमें चीन, जापान, भारत, दक्षिण कोरिया और वियतनाम शामिल हैं।

एम्बर के एशिया बिजली विश्लेषक डॉ अचमेद शाहराम एडियांटो ने कहा: “एशियाई देशों ने तेजी से सौर ऊर्जा उत्पादन बढ़ाकर एक उल्लेखनीय काम किया है और एशियाई क्षेत्र में अपने साथियों के लिए मूल्यवान उदाहरण स्थापित किया है। सौर ऊर्जा और इसके भंडारण की कम होती हुई कीमतों के साथ साथ पैसे की बचत शुरू हो गई है और एशिया में सौर ऊर्जा प्रभुत्व की अब पहले की अपेक्षा बहुत जल्द आने की उम्मीद है।”

2022 में सौर उत्पादन की बदौलत हुई बचत
रिपोर्ट में पाया गया है कि कुल 34 बिलियन अमेरिकी डॉलर की बचत से सबसे अधिक बचत चीन में हुई है, जहां बिजली की कुल मांग का 5% हिस्सा सौर ऊर्जा से प्राप्त किया गया और जनवरी से जून 2022 तक अतिरिक्त कोयला और गैस आयात में लगभग 21 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी की गई। जापान में दूसरा सबसे बड़ा प्रभाव देखा, यहाँ सौर ऊर्जा उत्पादन के कारण ईंधन की लागत में 5.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर की बचत हुई।

भारत में सौर ऊर्जा उत्पादन ने वर्ष की पहली छमाही में ईंधन लागत में 4.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की बचत की। सौर ऊर्जा ने 19.4 मिलियन टन कोयले की आवश्यकता को भी टाला, अगर ऐसा नहीं होता तो  पहले से ही तनाव से गुजर रही, घरेलू कोयला आपूर्ति पर और अधिक प्रभाव पड़ता।

वियतनाम की सौर ऊर्जा ने अतिरिक्त जीवाश्म ईंधन लागत में 1.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की बचत की। यह बड़े पैमाने पर वृद्धि का प्रतीक है: वियतनाम का सौर उत्पादन 2018 में शून्य टेरावाट घंटे (TWh) के करीब था, 2022 में, जनवरी से जून तक बिजली की मांग में सौर ऊर्जा का हिस्सा बढ़कर 11% (14 TWh)  हो गया।

थाईलैंड और फिलीपींस में, जहां सौर ऊर्जा की वृद्धि धीमी रही है, वहा भी ईंधन की लागत से हुई बचत उल्लेखनीय है। 2022 के पहले छह महीनों में थाईलैंड की बिजली का केवल 2% हिस्सा सौर ऊर्जा से आया, जिससे अनुमानित 209 मिलियन अमेरिकी डॉलर संभावित जीवाश्म ईंधन लागत की बचत हुई। बिजली की मांग का केवल 1% सौर ऊर्जा से आने के बावजूद, फिलीपींस ने जीवाश्म ईंधन खर्च में 78 मिलियन अमेरिकी डॉलर का कम खरच किया।

इसी तरह दक्षिण कोरिया में सौर ऊर्जा ने वर्ष की पहली छमाही में देश की बिजली का 5% उत्पादन किया, जिससे संभावित जीवाश्म ईंधन के उपयोग से बच कर 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की बचत की।सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर की दक्षिण पूर्व एशिया विश्लेषक इसाबेला सुआरेज़ ने कहा: “एशियाई देशों को महंगे और अत्यधिक प्रदूषणकारी जीवाश्म ईंधन से तेजी से दूर होने के लिए अपनी विशाल सौर क्षमता का पूर्ण उपयोग करने की आवश्यकता है।

मौजूदा सौर ऊर्जा उत्पादन से ही संभावित बचत बहुत उत्साहजनक है| इस क्षेत्र में ऊर्जा सुरक्षा के लिए सौर ऊर्जा के साथ-साथ, पवन ऊर्जा और अन्य स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों को तेज़ी से लगाने की आवश्यकता है।महत्वाकांक्षी लक्ष्य होना अच्छा हैं, लेकिन आगे बढ़ने के लिए इनका ठीक से पालन करना और भी महत्वपूर्ण है और आने वाले समय में हमें इस पर ध्यान देना होगा।”

भविष्य में एशिया में सौर ऊर्जा से और अधिक बचत संभावित : 2030 में सौर क्षमता के मौजूदा लक्ष्यों को पूरा करने से इन सात देशों को कम से कम 44 बिलियन अमेरिकी डॉलर की बचत हो सकती है – इस साल की पहली छमाही से लगभग 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर अधिक। हालांकि, यह स्पष्ट है कि सौर ऊर्जा अगले दशक में एशिया की ऊर्जा कहानी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है। परन्तु, इन लक्ष्यों को साकार करने के लिए ग्रिड स्थिरता, निवेश बढ़ाने के लिए नवीन नीतिगत सुधारों और निजी क्षेत्र के साथ सहयोग से आगे बढ़ने की आवश्यकता है।

जैसा कि रिपोर्ट में बताया गया है, एशिया में सफल सौर विस्तार के लिए प्रमुख चुनौती ग्रिड स्थिरता और ऊर्जा बाजार सुधारों में निवेश शामिल है, जिसमे बदलाव इस बात पर निर्भर करता है कि निवेशकों के लिए सौर ऊर्जा निवेश कितना आकर्षक है। हालांकि अल्पावधि में, पूंजीगत लागत, ईंधन लागत के साथ-साथ संचालन और रखरखाव लागत जैसे खर्चे सौर ऊर्जा के तेजी से विकास  के लिए महत्वपूर्ण होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

17 − thirteen =