मनी लॉन्ड्रिंग केस में शिवसेना नेता संजय राउत को मिली जमानत

मुंबई। पत्रा चॉल केस में शिवसेना सांसद संजय राउत को ज़मानत मिल गई है। मुंबई कोर्ट के जज एमजी देशपांडे ने बुधवार को संजय राउत को ज़मानत दे दी। इससे पहले, अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनकर उनकी ज़मानत याचिका पर फै़सला सुरक्षित रख लिया था। करीब 100 दिन बाद संजय राउत जेल से बाहर आएंगे। उनके भाई सुनील राउत को भी ज़मानत मिल गई है। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी राउत के खिलाफ़ लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है।

ईडी का आरोप है कि संजय राउत पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड हैं। ये मामला मुंबई के उत्तरी उपनगर में पत्रा चॉल परियोजना के पुनर्विकास से जुड़ा हुआ है। 31 जुलाई को संजय राउत को गिरफ़्तार किया गया था। गिरफ़्तारी से पहले 8 दिन ईडी की हिरासत में बिताने के बाद राउत को न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। ईडी ने कोर्ट में दावा किया था कि अब तक संजय राउत को अपराध की कमाई से 3.27 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं।

बता दें कि ईडी ने उपनगरीय गोरेगांव इलाके में पात्रा चॉल के पुनर्विकास में वित्तीय अनियमितताओं में कथित भूमिका के लिए इस साल राज्य सभा सदस्य संजय राउत को गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें कोर्ट की ओर से न्यायिक हिरासत में भेजा गया था, और अभी वह मध्य मुंबई की आर्थर रोड जेल में हैं। उन्होंने पिछले महीने जमानत मांगी थी, जिसका ईडी ने विरोध किया था। पात्रा चॉल के नाम से मशहूर सिद्धार्थ नगर उपनगरीय गोरेगांव में 47 एकड़ में फैला हुआ है और इसमें 672 किरायेदार परिवार हैं।

महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) ने 2008 में हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) की एक सहयोगी कंपनी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (जीएसीपीएल) को चॉल के लिए एक पुनर्विकास अनुबंध सौंपा था। जीएसीपीएल को किरायेदारों के लिए 672 फ्लैट बनाने और कुछ फ्लैट म्हाडा को देने थे। शेष जमीन निजी डेवलपर्स को बेचने के लिए मुक्त थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

18 − fourteen =