कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता और आसपास के जिलों में धूमधाम से छठ महापर्व मनाई गई। इस मौके पर गंगा के घाटों पर लाखों श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव के साथ सूर्य देव को अर्घ्य दिया। लाखों की संख्या में छठ व्रती श्रद्धालुओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। सूप में केले के धवद दीप और फल फूलों से लोगों ने पूरे भक्ति भाव के संग पूजा की। छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं से पटे बंगाल के हर घाट की रौनक देखने लायक थी। रंग बिरंगे वस्त्रों में और पूजा की सामग्री लेकर पूरे घाट रंग बिरंगी नजर आ रहे थे। छठ के पहले अर्घ्य देने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबूघाट, जगन्नाथघाट, मल्लिकघाट, प्रिंसेपघाट, पाथुरिया घाट, दहीघाट, बीएनआरघाट, बाजे कदमतल्ला घाट, नीमतला घाट, बागबाजार घाट, शोभाबाजार घाट आदि पर छठ व्रतियों की धूम रही।
छठ श्रद्धालुओं के लिए पुलिस एवं कोलकाता व हावड़ा नगर निगम की ओर से विशेष इंतजाम किए गए थे। कोलकाता से सटे उपनगरीय इलाकों में विभिन्न इलाकों के अलावा हावड़ा, उत्तर 24 परगना जिले के टीटागढ़, बैरकपुर, श्यामनगर, जगदल, कांकीनाड़ा, नैहाट्टी, कांचारापड़ा, आगरपाड़ा, दक्षिणेश्वर, राजारहाट के अलावा हुगली जिले के रिसड़ा, श्रीरामपुर, कोन्नगर, उत्तरपाड़ा, बंडेल के अतिरिक्त दक्षिण 24 परगना जिले के बजबज, महेशतल्ला, बांसद्रोणी व अन्य इलाकों में छठ पूजा की धूम रही। इसी तरह आसनसोल, बर्द्धमान, मालदा, सिलीगुड़ी, मुर्शिदाबाद, उत्तर दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर में भी लोगों ने जमकर छठ मनाया।
कोलकाता मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (केएमडीए) रवींद्र सरोवर और सुभाष सरोवर को इस साल भी बंद रखा। सरोवर को बांस के बाड़ों से घेर दिया गया था। यहां छठ पूजा पर किसी को घुसने की अनुमति नहीं थी। साल 2018 में हजारों छठ व्रतियों ने रवींद्र सरोबार और सुभाष सरोबार परिसर में छठ पूजा की रस्में निभाईं थी। तब यह कहा गया था कि पूजा से बाद सरोवर में प्रदूषण फैल गया। बाद में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी)दोनों परिसरों में धार्मिक अनुष्ठानों पर रोक लगा दी है।