कोलकाता। टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने बुधवार को अलग-अलग घोटालों में अपने नेताओं पार्थ चटर्जी और अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी पर पार्टी की अलग-अलग प्रतिक्रियाओं को सही ठहराने की मांग की। सौगत ने कहा कि बड़ी मात्रा में नकदी की जब्ती पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी पार्टी के लिए शर्मनाक है। तृणमूल कांग्रेस के भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस पर जोर देते हुए रॉय ने कहा कि दोनों मामले एक जैसे नहीं हैं। उन्होंने कहा, पार्थ चटर्जी का मामला साफ है क्योंकि उनकी सहयोगी के आवास से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद की गई थी।
इसलिए, पार्टी ने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की है लेकिन अनुब्रत मंडल या टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य के लिए ऐसा नहीं है क्योंकि अब तक उनके खिलाफ केवल भ्रष्टाचार के आरोप हैं जो अभी साबित नहीं हुए हैं। राज्य के पूर्व उद्योग मंत्री और टीएमसी के महासचिव चटर्जी को इस साल जुलाई में गिरफ्तारी के एक सप्ताह के भीतर कैबिनेट से हटा दिया गया था और पार्टी के सभी पदों से हटा दिया गया था। स्कूल नौकरियों के घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी के बाद पार्टी ने चटर्जी को पद से हटाया गयाथा।
जबकि टीएमसी मंडल के साथ खड़ी है जिन्हें सीबीआई ने मवेशी तस्करी घोटाले में गिरफ्तार किया है। मंडल टीएमसी के बीरभूम जिलाध्यक्ष बने हुए हैं। टीएमसी विधायक भट्टाचार्य, जिन्हें इस महीने स्कूल नौकरी घोटाले में गिरफ्तार किया गया था, उन्हें भी अभी तक पार्टी की ओर से किसी कार्रवाई का सामना नहीं करना पड़ा है।
रॉय की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कि पश्चिम बंगाल भाजपा ने कहा कि उनकी टिप्पणी राज्य में विभिन्न भ्रष्टाचार के मामलों में टीएमसी की संलिप्तता की बू आती है। भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि उनकी टिप्पणी चौंकाने वाली है। पार्टी भ्रष्टाचार के मामलों में अंतर कर रही है। इस तरह के बयान राज्य में विभिन्न भ्रष्टाचार के मामलों और घोटालों में टीएमसी की संलिप्तता को साबित करते हैं।