भोपाल। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज कहा कि कुछ लोगों ने अंग्रेजी का प्रचार-प्रसार करते हुए इसे बौद्धिक क्षमता से जोड़ दिया, लेकिन इन दोनों चीजों का आपस में कोई संबंध नहीं है। शाह ने आज यहां हिंदी भाषा में मेडिकल की पढ़ाई की अभूतपूर्व पहल का शुभारंभ किया। पिछले कई महीनों से चल रही इस परियोजना के तहत एमबीबीएस प्रथम वर्ष की पुस्तकों को हिंदी भाषा में तैयार किया गया है। इस समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी उपस्थित रहे।
इस दौरान शाह ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि कुछ लोगों ने अंग्रेजी का प्रचार-प्रसार करते हुए इसे बौद्धिक क्षमता से जोड़ दिया, जबकि दोनों चीजों का आपस में कोई लेना-देना नहीं है। बौद्धिक क्षमता मातृभाषा का उपयोग करने से ही निखरती है। उन्होंने भोपाल के मंच से देश भर के युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि अपनी भाषा में पढ़ाई से ही क्षमताएं बढ़ेंगी।
युवा अंग्रेजी की ग्रंथि से बाहर निकलें और हिंदी के उपयोग पर खुद को कमतर समझने की सोच को ना पालें। उन्होंने कहा कि अब केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार है, जिसमें सभी अपनी-अपनी भाषा में प्रदर्शन कर सकते हैं। अब शोध और अनुसंधान के कार्य को भी हिंदी भाषा में ही प्रेरित किया जा रहा है। देश के 10 राज्यों में इंजीनियरिंग की पुस्तकों का भारतीय भाषाओं में अनुवाद भी किया गया है।