कोलकाता। महानगर कोलकाता के इकबालपुर इलाके में हुई हिंसा की जांच कलकत्ता हाईकोर्ट ने एसआईटी से कराने का आदेश दिया। एनआईए से जांच के लिए दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने आज पश्चिम बंगाल के डीजीपी व कोलकाता के पुलिस आयुक्त को जांच के लिए एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया। कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार के अनुसार इलाके स्थिति शांतिपूर्ण है, इसलिए केंद्रीय बल तैनात करने की जरूरत नहीं है। इससे पहले सुबह के सत्र में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने हिंसा के दौरान बम धमाकों को लेकर कड़ा रुख अपनाया।
हाईकोर्ट ने ममता सरकार से पूछा कि क्या हिंसा के दौरान हुए बम विस्फोटों के बारे में केंद्र सरकार को सूचित किया गया था? क्योंकि एनआईए कानून के अनुसार धमाकों की सूचना केंद्र सरकार को देने का अनिवार्य प्रावधान है। हाईकोर्ट ने इसे लेकर राज्य सरकार से आज दोपहर दो बजे तक जवाब मांगा था। इकबालपुर सांप्रदायिक हिंसा की एनआईए जांच कराने की मांग करने वाली दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुई हाईकोर्ट ने यह निर्देश दिया।
हाईकोर्ट ने कहा कि एनआईए अधिनियम की धारा 6 के तहत केंद्र को एक अनिवार्य रिपोर्ट भेजना जरूरी है, ताकि यह तय किया जा सके कि केंद्रीय एजेंसी एनआईए द्वारा जांच की आवश्यकता है या नहीं? न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। बंगाल सरकार की ओर से कोर्ट में मौजूद वकील टीएम सिद्दीकी ने कोर्ट से कहा कि दक्षिण पश्चिम कोलकाता के इकबालपुर क्षेत्र में हिंसा को लेकर मयूरभंज में रविवार को पांच एफआईआर दायर की गई है। उन्होंने इस संबंध में रिपोर्ट भी पेश की।
बता दें, कोलकाता के इकबालपुर थाना क्षेत्र में आने वाले मोमिनपुर में दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। हजरत मोहम्मद के जन्मदिन पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने हिंदुओं के घरों और दुकानों पर जबरदस्ती झंडे लगा दिए थे। इसे हिंदुओं ने हटा दिया था। इसके बाद क्षेत्र में तनाव फैल गया था। सैकड़ों की संख्या में एकत्रित हुए अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने रविवार देर रात दूसरे वर्ग के घरों, दुकानों, गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी की थी।