मुलायम सिंह ने ज्योति बसु को प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा था : नंदा

कोलकाता समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का कोलकाता से खास जुड़ाव था और उन्होंने ही 1996 में ज्योति बसु को संयुक्त मोर्चा की सरकार का प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा था। हालांकि, बसु शीर्ष पद पर काबिज नहीं हो पाए क्योंकि उनकी पार्टी मार्क्सवादी कम्युनिस्टी पार्टी (माकपा) इसके खिलाफ थी। वरिष्ठ मार्क्सवादी नेता ने बाद में संयुक्त मोर्चा सरकार का हिस्सा न बनने के पार्टी के फैसले को ऐतिहासिक भूल करार दी थी। यादव का सोमवार को गुरुग्राम के एक अस्पताल में निधन हो गया। सपा के उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने कहा कि शुरुआत में 13 दलों के गठबंधन संयुक्त मोर्चा के प्रधानमंत्री पद के लिए वी पी सिंह का नाम सामने आया था।

हालांकि, वी पी सिंह ने इस पेशकश को ठुकरा दिया था। सपा संस्थापक यादव के करीबी सहयोगी रहे नंदा ने कहा, ‘‘मुलायम सिंह यादव ने तब कहा था कि ज्योति बसु को प्रधानमंत्री होना चाहिए। वह (यादव) और मैं बंग भवन (दिल्ली) गए और बसु को प्रस्ताव दिया। पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री ने याद किया कि बसु ने उनसे कहा था कि वह प्रधानमंत्री कैसे बन सकते हैं क्योंकि वाम दलों के पास 545 सदस्यीय लोकसभा में पर्याप्त संख्या बल नहीं है। नंदा ने कहा हमने उनसे (बसु से) कहा था कि आप बस हमारे प्रस्ताव पर हामी भर दीजिए।

उन्होंने कहा कि इसके बाद उन्होंने विभिन्न दलों के वरिष्ठ नेताओं हरकिशन सिंह सुरजीत, एच डी देवेगौड़ा, रामकृष्ण हेगड़े, बीजू पटनायक और लालू प्रसाद से इस प्रस्ताव को लेकर मुलाकात की तथा वे सभी मान गए थे। नंदा ने कहा, ‘‘यह पूरी पहल मुलायम सिंह ने की थी।’’ नंदा ने कहा कि पार्टी से अनुमति न मिलने के बाद बसु से सुझाव दिया था कि यादव को प्रधानमंत्री बनाया जाए लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण रूप से कुछ वजहों से मुलायम सिंह यादव प्रधानमंत्री नहीं बन पाए।

उन्होंने कहा कि यादव का कोलकाता से करीबी नाता था और समाजवादी पार्टी ने 1992 में अपनी स्थापना के बाद से पांच बार शहर में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की। राज्य में वाम मोर्चा की सरकार में मंत्री रहे नंदा ने कहा, ‘‘उनके (यादव) ज्योति बसु से निजी संबंध थे और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री उन्हें बहुत पसंद करते थे। यादव के लंबे समय तक करीबी रहे दिवंगत अमर सिंह भी कोलकाता से थे।

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