पूर्वी भारत देश में उर्वरक की मांग बढ़ाने वाला इंजन : कनोडिया

IMG-20220915-WA0021आसनसोल। भारत के सबसे तेजी से बढ़ते फसल पोषक प्रदाताओां में से एक, मैटिक्स फर्टिलाइजर्स एन्ड केमिकल्स लिमिटेड के चेयरमैन निशांत कनोडिया ने उम्मीद जताई है कि आने वाले महीनों एवं वर्षों में पूर्वी भारत देश में उर्वरकों की माांग बढाने वाला विकास इंजन होगा। उन्होंने कहा कि पूर्वी भारत के राज्यों में उर्वरकों की की खपत लगभग 158.4 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है, जो उत्तर भारत में 212.4 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की खपत के मुकाबले बहुत कम है। चूंकि फसल को बढ़ाने में पोषक तत्वों की माांग केवल इस क्षेत्र में बढ़ सकती है, अथवा पूर्वी भारत मैटिक्स को इस अल्प सेवित बाजार को विकसित करने का अवसर प्रदान करता है।

कंपनी के प्रबंध निदेशक मनोज मिश्र ने कहा कि मैटिक्स के पास पूर्वी भारत के कृषि क्षेत्र के मध्य में होने वाली हमारी विनिर्माण सुविधा और लोकेशन या का लाभ है। छह कृषि प्रधान राज्यों में मैटिक्स के लगभग 700 डीलर्स को कंपनी के यूरिया संयंत्र से सेवाएं दी जा रहीं हैं। कंपनी का मजबूत वितरण एवं नेटवर्क का फोकस भारत के पूर्वी क्षेत्र में होने के कारण, हम इन राज्यों में किसानों की सेवा करने के लिए सबसे अच्छी स्थित में फिलहाल बने हुए हैं।

ज्ञातव्य हो कि मैटिक्स फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड भारत की सबसे तेजी से बढ़ती उर्वरक कंपनियों में से एक है। मैटिक्स पश्चिम बंगाल के पानागढ़ स्थित पूरी तरह एकीकृत, गैस आधारित यूरिया संयंत्र की स्वामी है और उसका परिचालन करती है, जिसकी 1.27 एमटीपीए क्षमता से भारत के सबसे बड़े “सिंगल स्ट्रीम” उर्वरक संयंत्रों में से एक बनाती है। मैटिक्स का “डॉ फसल” ब्रांड भारत के पूर्वी बाजार में यूरिया उर्वरक के लिए अग्रणी है और बाजार में इसकी हिस्सेदारी 25% है और यह करीब 700 डीलर के मजबूत वितरण नेटवर्क द्वारा संचालित है।

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