कोलकाता : बंगाल में प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय के एक गरीब छात्र ने दावा किया कि छात्रावास अधिकारी तत्काल कमरा खाली करने के लिए उसपर दबाव बना रहे हैं, लेकिन उसके पास जाने के लिए कोई स्थान नहीं है। कई साल पहले उसके पिता ने उससे छोड़ दिया था। जॉनी बिश्वास, विश्वविद्यालय में स्नातक पूर्व में बंगाली का द्वितीय वर्ष का छात्र है। उसने बताया कि उसकी मां बांग्लादेश में अपने भाई के यहां रहती हैं।
उसके पिता ने उन्हें भी छोड़ दिया था। उसने कहा कि अगर उसे इडेन हिंदू हॉस्टल से जाने को मजबूर किया गया तो वह फुटपाथ पर रहेगा या खुद को मार लेगा। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कहा कि छात्रों को कोरोना वायरस महामारी के कारण छात्रावास में रहने की इजाजत नहीं दी जा रही है लेकिन वे बिश्वसा की दशा का पता लगाएंगे।
बिश्वास ने बताया कि उसका कोई रिश्तेदार नहीं है जिससे वह मदद मांग सकें। उसे छात्रवृत्ति मिली थी। उसके पिता ने कई साल पहले दूसरी शादी कर ली थी और उसे तथा उसकी मां को छोड़ दिया था। वह स्कूल में पढ़ाई के दौरान अपने दोस्त के साथ रहता था लेकिन अब वह भी उसे साथ रखने को राजी नहीं है। डीन प्रो अरूण मैती ने संपर्क करने पर कहा, ” मैं मामले का पता लगवाऊंगा। ”