बर्मिंघम। जेमिमा रोड्रिग्स अपने मजबूत पक्षों को अच्छी तरह से समझती हैं और कप्तान हरमनप्रीत कौर या स्मृति मंधाना जैसी ‘पावर हिटर’ बनने के लिए उन्हें अपने नैसर्गिक खेल में बदलाव करने की जरूरत नहीं लगती है।
जेमिमा ने बारबाडोस के खिलाफ भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई। इस 21 वर्षीय खिलाड़ी के 46 गेंदों पर नाबाद 56 रन की मदद से भारत ने बारबाडोस को 100 रन से हराकर राष्ट्रमंडल खेलों की क्रिकेट प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में जगह बनाई। जेमिमा ने मैच के बाद कहा, ‘‘स्मृति (मंधाना) ने 2019 में आईपीएल (महिला टी20 चैलेंज) के दौरान कहा था कि हरमनप्रीत कौर या स्मृति मंधाना बनने की कोशिश मत करना तुम जेमिमा रोड्रिग्स हो। मुझे लगता है कि मैंने वह भूमिका समझी और इससे मुझे काफी मदद मिल रही है।’’
लोग उनके खेल के बारे में क्या सोचते हैं जेमिमा के लिए यह खास मायने नहीं रखता। उन्होंने कहा, ‘‘टीम ने मुझे एक भूमिका सौंपी है। अगर मैं वह भूमिका निभा सकती हूं तो फिर यह मायने नहीं रखता के लोग इस बारे में क्या सोचते हैं। यदि इससे टीम को फायदा होता है तो फिर हमारे पास शेफाली, स्मृति और हरमन है और इसलिए मैं केवल वह भूमिका सर्वश्रेष्ठ तरीके से निभाना चाहती हूं जो मैं टीम के लिए निभा सकती हूं।’’ जेमिमा ने स्वीकार किया कि वह ‘पावर हिटर’ नहीं है लेकिन खेल के सबसे छोटे प्रारूप में अधिक योगदान देने के लिए इस विशेष कौशल पर ध्यान दे रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर मैं अपने पावर गेम पर काम कर रही हूं लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण यह है कि मैंने अपने खेल को समझ लिया है। मैं पावर हिटर नहीं हूं लेकिन मैं एक या दो रन लेने के लिए अच्छी तरह से शॉट खेल सकती हूं। मैं जानती हूं कि रन कैसे बनाने हैं। मुझे लगता है यह मेरा मजबूत पक्ष है।’’ जेमिमा को विश्वास है की पर्याप्त संख्या में छक्के नहीं लगाने के बावजूद वह अपना स्ट्राइक रेट अच्छा बना कर रख सकती हैं। मेरा खेल बहुत आकर्षक नहीं है लेकिन इसके बिना भी मैं अच्छा स्ट्राइक रेट कायम रख सकती हूं। इसलिए मुझे अहसास हुआ कि मुझे किसी का अनुकरण करने की जरूरत नहीं है। मुझे रन बनाने के लिए जेमिमा रोड्रिग्स ही बनना होगा। इससे मुझे मदद मिली।’’