शहीद दिवस रैली में उमड़ा लोगों का जनसैलाब, ममता ने भरा हुंकार

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में बड़ी संख्या में लोग सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की विशाल शहीद दिवस रैली के लिए एस्प्लेनेड में एकत्रित हुए। यह रैली बृहस्पतिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच निकाली जा रही है। रैली को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने संबोधित किया। उन्होंने मोदी सरकार पर बड़ा हमला किया। लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, भाजपा का दिमाग खराब हो गया है। भाजपा के पास कोई बुद्धिजीवी नहीं है। वहीं लोगों को जब अभिषेक बनर्जी संबोधित कर रहे थे, उस समय भारी बारिश हो रही थी, लेकिन न तो अभिषेक ने अपना भाषण बंद किया और न ही कार्यकर्ता रैली से हटे। बारिश में छतरी लेकर लोगों ने अभिषेक को सुना।

कोरोना वायरस महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद यह वार्षिक रैली निकाली जा रही है और टीएमसी के उत्साहित समर्थकों ने ट्रेनों, बसों तथा निजी वाहनों से सुबह चार बजे से ही घटनास्थल पर पहुंचना शुरू कर दिया था। इनमें से कई लोग रैली के लिए दो दिन पहले ही शहर में पहुंच गए हैं। टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी रैली को संबोधित करेंगी। टीएमसी कार्यकर्ताओं को भीड़भाड़ वाली लोकल ट्रेनों से हावड़ा और सियालदह के दो टर्मिनल स्टेशनों पर पहुंचते हुए देखा गया। उन्होंने पार्टी के झंडे, पारंपरिक ‘ढाक’ और शंख बजाते हुए बनर्जी के पोस्टर ले रखे थे।

रैली के दौरान शहर में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए कम से कम 4,500 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। इस साल यह रैली इसलिए भी खास है क्योंकि यह 2021 के विधानसभा चुनावों में टीएमसी की शानदार जीत और लगातार तीसरी बार पार्टी के सत्ता में लौटने के बाद पहली बार आयोजित की जा रही है। बनर्जी ने बुधवार को कहा था कि शहीद दिवस रैली केंद्र के ‘‘निरंकुश शासन’’ के खिलाफ होगी। टीएमसी 1993 में तत्कालीन वाम मोर्चे की सरकार के खिलाफ युवा कांग्रेस की रैली पर पुलिस की गोलीबारी में मारे गए 13 लोगों की याद में हर साल 21 जुलाई को शहीद दिवस मनाती है। इस घटना के वक्त बनर्जी युवा कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष थीं।

वहीं, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को निर्देश दिया था कि शहीद दिवस रैली आयोजित करते समय पश्चिम बंगाल सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के दिशानिर्देशों का पालन किया जाए। अदालत एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया था कि 21 जुलाई को कोलकाता में होने वाली रैली में लगभग 15 से 20 लाख लोग शामिल होने जा रहे हैं। राज्य में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर याचिका में राज्य सरकार को पर्याप्त एहतियाती कदम उठाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया।

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