उद्धव ठाकरे ने सीएम पद और विधान परिषद सदस्य से दिया इस्तीफा

मुंबई। महाराष्ट्र के सियासी संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार रात अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट कराने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोर्ट के फैसले के बाद फेसबुक लाइव किया। इसमें उन्होंने इस्तीफे का ऐलान कर दिया। उद्धव का इस्तीफा लेकर अनिल परब राज भवन के लिए निकले। सीएम ने फेसबुक के जरिए कहा, शिवसेना को आज 56 साल हो गए। शिवसेना को लोग देख ही नहीं, अनुभव भी कर रहे हैं। रिक्शा वाला, पान वाला… न जाने कितनों को बाला साहेब ने मंत्री बनाया। आज वो लोग उन्हें भूल गए।

उन्होंने आगे कहा, सत्ता आने के बाद जो कुछ बन पड़ा दिया, लेकिन वो लोग नाराज हो गए। मेरे मातोश्री आने के बाद लोग यहां आ रहे हैं, लोग कह रहे हैं हम आपके साथ हैं। उद्धव ठाकरे ने कहा, जिसको दिया वो चले गए। जिनको कुछ नहीं दिया वो असली शिव सैनिक हैं। वही आज हमारे साथ हैं। कोर्ट ने जो आदेश दिया उसे हाथ जोड़कर स्वीकार करता हूं। लोकतंत्र का पालन होना चाहिए।

अपने संबोधन में सीएम उद्धव ने कहा कि तुम मुझसे नाराज़ क्यों हो? सूरत जाने और बोलने के बजाय आपको मेरे पास मातोश्री आना चाहिए था। मैं अब भी आपकी भावनाओं का सम्मान करता हूं। मैं सोनिया जी, शरद पवार के साथ-साथ कांग्रेस और एनसीपी को धन्यवाद देना चाहता हूं। औरंगाबाद का नाम बदलने पर फैसला लेते हुए एनसीपी और कांग्रेस ने इसका विरोध नहीं किया। लेकिन मुझे जो बुरा लगता है वह यह है कि शिवसेना के केवल चार मंत्री ही मौजूद थे। हम सभी जानते हैं कि वे कहां हैं।

ठाकरे ने कहा, मैं राकांपा और कांग्रेस के लोगों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं कि उन्होंने मेरा समर्थन किया। शिवसेना, अनिल परब, सुभाष देसाई और आदित्य ठाकरे की तरफ से ये लोग तभी मौजूद थे जब प्रस्ताव पास हुआ था जबकि एनसीपी और कांग्रेस के लोगों ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया था। सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी फ्लोर टेस्ट की इजाजत दे दी है। राज्यपाल जी का भी धन्यवाद। राज्यपाल ने एक खत पर ऐक्शन लिया और फ्लोर टेस्ट के लिए कहा।

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