नई दिल्ली । इस समय महाराष्ट्र पहुंचने पर सामान्य प्रगति के विपरीत, महत्वपूर्ण दक्षिण-पश्चिम मानसून मंगलवार को तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल के अधिकांश हिस्सों और दक्षिण-पश्चिम व पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ गया। केरल में दक्षिण-पश्चिमू मानसून की शुरुआत 29 मई को भारी बारिश के बीच हुई थी, लेकिन इसके दो दिनों के बाद बारिश धीमी हो गई और मानसून आगे बढ़ गया। सामान्य तौर पर 7 जून को दक्षिण पश्चिम मानसून सभी चार दक्षिणी राज्यों को कवर करता है और महाराष्ट्र, विशेष रूप से कोंकण तटीय क्षेत्रों और पश्चिमी महाराष्ट्र के बड़े हिस्से को छूता है।
आईएमडी ने कहा, इस साल दक्षिण पश्चिम मानसून सामान्य गति से आगे बढ़ रहा है। इसने समूचे केरल को, लगभग 75 प्रतिशत तमिलनाडु को और लगभग आधे कर्नाटक को कवर किया है। पूर्वी तरफ इसने पूरे पूर्वोत्तर को कवर किया है। आईएमडी के एक वैज्ञानिक के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मानसून की उत्तरी सीमा गोवा, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश को नहीं छू पाई है।
मानसून की प्रगति में देरी के संभावित कारण के बारे में पूछे जाने पर आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक आर.के. जेनामनी ने कहा, “31 मई और सोमवार के बीच, कोई बड़ी प्रणाली नहीं थी (मानसूनी बारिश के लिए), लेकिन अब हवाएं प्रायद्वीपीय दक्षिणी भारत में मंगलवार को बारिश को आगे बढ़ाने में मदद कर रही हैं।” आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, यहां तक कि जब दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केरल को पूरी तरह से कवर कर लिया है, तब भी 1 जून से अब तक की बारिश नकारात्मक 48 प्रतिशत की गिरावट दर्शाती है, क्योंकि बारिश 120.6 मिमी सामान्य के मुकाबले सिर्फ 62.8 मिमी हुई। इसी तरह, जब इसने पूरे पूर्वोत्तर राज्यों को कवर कर लिया है, तब भी तीन राज्यों में कम बारिश देखी गई है : त्रिपुरा में शून्य से 48 प्रतिशत, मिजोरम में शून्य से 35 प्रतिशत और मणिपुर में सामान्य से 50 प्रतिशत कम बारिश हुई है।