कोलकाता। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने बुधवार दोपहर अपने ट्विटर पेज पर एक आश्चर्यजनक संदेश पोस्ट कर उनके राजनीति में कदम रखने की अटकलों को हवा दे दी। ट्विटर पोस्ट में उन्होंने खुद के राजनीति में शामिल होने के कुछ स्पष्ट संकेत दिए। सौरभ गांगुली ने अपने ट्वीट में लिखा है, ”1992 में मैंने क्रिकेट के सफ़र की शुरुआत की थी और 2022 में इस सफ़र के 30 साल हो गए। तब से मुझे क्रिकेट ने बहुत कुछ दिया। सबसे अहम है कि आप सभी का समर्थन मिला। मैं उन सबको धन्यवाद देता हूँ, जो मेरी इस यात्रा में साथ रहे, मेरा समर्थन किया और जो आज मैं हूँ, उसमें मेरी मदद की। आज मैं कुछ करने की योजना बना रहा हूँ और उम्मीद है कि इससे बहुत लोगों को मदद मिलेगी। मेरे जीवन के इस चैप्टर में आपके समर्थन जारी रहने की उम्मीद करता हूँ।’
हालांकि, अभी तक न तो उनकी ओर से और न ही उनके परिवार के सदस्यों की ओर से उनके भविष्य की कार्रवाई के बारे में कोई पुष्टि की गई है। गांगुली के राजनीति में शामिल होने की अटकलें तब शुरू हुईं, जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 6 मई को पश्चिम बंगाल की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान अपने आवास पर रात्रिभोज किया। हालांकि गांगुली ने खुद उसी दिन राजनीति में आने की संभावनाओं को खारिज कर दिया था, लेकिन अगले ही दिन उनकी पत्नी डोना गांगुली ने अपने पति के भविष्य में सक्रिय राजनीति में आने की संभावना जताई थी।
उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा था, “अनुमान लगाना लोगों का काम है। अगर ऐसा कुछ होता है तो सभी को पता चल जाएगा। लेकिन मैं बस इतना कह सकती हूं कि सौरव राजनीति में अच्छा करेंगे और लोगों के कल्याण के लिए काम करेंगे।” गांगुली हमेशा राजनीतिक रेखाओं से परे राजनीतिक नेताओं के पसंदीदा रहे हैं। वह पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य और तत्कालीन वाम मोर्चा सरकार के नगरपालिका मामलों और शहरी विकास मंत्री अशोक भट्टाचार्य के बेहद करीबी थे। 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों से पहले, ऐसी अफवाहें थीं कि गांगुली चुनावों के लिए भाजपा के मुख्यमंत्री पद का चेहरा हो सकते हैं, लेकिन वैसा नहीं हुआ।