बुध चलेंगे वक्री चाल, मई 2022 से, इन 2 महीनों में रखें अपने निवेश व व्यापार का विशेष ध्यान!

वाराणसी । बुध- जिसे ज्योतिष में बुद्धि, संचार, वित्त, व्यापार, लेखन कौशल, विश्लेषणात्मक शक्ति, परिवहन और हास्य का कारक कहा गया है, मई 2022 में वक्री होने जा रहे है। जन्म कुंडली में एक लाभकारी बुद्ध आपको जीवन की सर्वोच्च ऊंचाइयों तक ले जा सकता है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि आमतौर पर बुध का गोचर चक्र 23 दिनों में पूरा हो जाता है लेकिन इस बार मई, 2022 के महीने में बुध ग्रह लगभग 68 दिनों तक एक ही राशि में रहेंगें!

ग्रहों के विभिन्न राशियों में गोचर व चाल परिवर्तन का हमारे जीवन पर अत्यंत प्रभाव पड़ता है। यह मुख्य रूप से इस बात पर निर्भर करता है कि गोचर हमारी जन्म कुंडली के हिसाब से कहाँ हो रहा है अर्थात कुंडली के किस घर में हो रहा है? ज्योतिषी विभिन्न ग्रहों के गोचर पर तीक्ष्ण तीक्ष्ण दृष्टि रखते हैं और ग्रहों के वक्री गति का विश्लेषण तो बहुत ही अधिक गहराई और देखभाल के साथ किया जाता है। आइए समझते हैं कि विभिन्न राशियों पर बुध ग्रह के वक्री होने का क्या असर रहेगा।

मई 2022 में कब होंगे बुध वक्री…?
एक राशि में बुध का गोचर सामान्य रूप से 23 दिनों तक रहता है। हालांकि इस बार बुध के 25 अप्रैल को वृष राशि में गोचर के बाद ये यहां लगभग 68 दिनों तक रहेंगें। इसके अलावा, सूर्य भी इसी महीने में वृष राशि में गोचर कर जायेंगें और सूर्य के निकट होने के कारण बुध ग्रह 13 मई को अस्त भी हो जायेंगें। बुद्ध का अस्त होना भी एक विशेष ज्योतिषीय संयोग है जो विभिन्न राशियों के लिए विभिन्न परिणाम लाएगा। विभिन्न राशियों के फल कथन इस लेख में बुद्ध ग्रह के वक्री व अस्त दोनों को ध्यान में रखते हुए दिए गए हैं। वृष राशि में रहते हुए ही बुध वक्री हो जाएगा, अस्त हो जाएगा और फिर मार्गी हो जाएगा और अंत में जुलाई में अगली राशि मिथुन में प्रवेश करेगा। बुध वृष राशि में 2 माह से अधिक समय तक रहेगा।

बुध का वृष राशि में वक्री होना- 10 मई 2022 मंगलवार शाम 5:16 बजे।
बुध का वृष राशि में अस्त होना- 13 मई 2022 शुक्रवार को पूर्वाह्न 12:56 बजे।
बुध वृष राशि में- 03 जून, 2022, शुक्रवार दोपहर 1:07 बजे मार्गी हो जायेगा।
68 दिनों की इस अवधि में बुध और सूर्य की युति भी होगी।

‘वक्री’ शब्द का क्या अर्थ है?
विभिन्न राशियों पर बुध वक्री होने के परिणामों को समझने से पहले सबसे पहले हमें वक्री होने का अर्थ समझना चाहिए। हमारे सौर मंडल के विभिन्न ग्रहों के बीच एक अथाह दूरी है। ये सभी अपने-अपने कक्षीय पथ में सूर्य की परिक्रमा करते हैं। इसी तरह पृथ्वी भी सूर्य की परिक्रमा करती है। कभी-कभी पृथ्वी की सूर्य के पास से गुजरने की गति उसके साथ से होकर गुजरने वाले ग्रह की तुलना में बहुत तेज होती है। यह एक आभास देता है कि धीमी गति से चलने वाला ग्रह पीछे रह गया है और विपरीत दिशा में जा रहा है। यह काफी हद तक तेज ट्रेन के बगल से धीमी गति से गुजरने वाली ट्रेन की तरह है, ऐसे में हमें लगता है कि ट्रेन पीछे की ओर जा रही है जबकि वास्तव में दोनों ट्रेनें एक ही दिशा में जा रही हैं। यह सटीक घटना है जो किसी ग्रह के वक्री होने के समय अनुभव की जाती है। तो, किसी ग्रह की धीमी गति को हम वक्री गति के रूप में जानते हैं।

क्या वक्री होना ग्रह को विशेष बनाता है?
जैसा कि ऊपर बताया गया है कि वक्री होने के समय ग्रह धीमा हो जाता है। धीमी गति से चलने वाला ग्रह जातकों पर अधिक प्रभाव डालता है क्योंकि इसकी शक्ति आकाश में एक निश्चित बिंदु पर एकत्रित हो जाती है। मार्गी गति की तुलना में वक्री ग्रह अपने कारकतत्वों का अधिक प्रभाव देता है। सामान्य शब्दों में हम कह सकते हैं कि वक्री गति में ग्रह अधिक शक्तिशाली हो जाता है। अब बुध वक्री होने से अपने कारकों के प्रभाव में वृद्धि करेंगें। वैदिक ज्योतिष में, यह भी समझा जाता है कि एक वक्री ग्रह कभी-कभी अपने व्यवहार के विपरीत कार्य करता है। चूंकि, वक्री ग्रह फिर से मार्गी हो जाता है और यह एक दोहराव की स्थिति को दर्शाता है, एक वक्री ग्रह जातक को बार-बार एक ही कार्य को करने के लिए विवश करता है।

विभिन्न राशियों पर बुध के वक्री होने का प्रभाव :
जब भी कोई ग्रह किसी राशि में अपनी सामान्य गोचर अवधि से अधिक समय तक रहता है तो उसे ज्योतिष के अनुसार अतिचारी गति में होना कहा जाता है। अतिचार जातकों के लिए शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के फल लाता है और आइए एक-एक करके उन पर चर्चा करें-

मेष : वक्री बुध आपकी राशि के दूसरे भाव में रहेगा। यह आपके बात चीत के ढंग में ज़बरदस्त बदलाव लाएगा। आप अपने विचारों को पहले से बेहतर शब्दों में रूपांतरित कर पायेंगें। आप अपने प्रभावशाली भाषण से दूसरों को प्रभावित करेंगे। आप अपने परिवार की बेहतर देखभाल करेंगे और इस दौरान परिवार के सभी सदस्यों का स्नेह और सहयोग प्राप्त करेंगे। हालाँकि आपके छोटे भाई-बहनों के साथ कुछ गलतफहमी आपको परेशान कर सकती है। आप कार्यस्थल पर नवीन शैली अपनाएंगे जिससे आपको चारों ओर सफलता और प्रशंसा मिलेगी।

वृषभ : बुध आपकी राशि के पहले भाव में गोचर करेगा। इस दौरान आपको मानसिक भ्रम बना रह सकता है। आपके निर्णय लेने की शक्ति में आपको कमी का सामना करना पड़ सकता है। हालाँकि आप कलात्मक विचारों से भरे रहेंगे और अपने बौद्धिक और विश्लेषणात्मक कौशल के साथ आप बुद्ध के गोचर का लाभ उठाएंगे।
आर्थिक रूप से, वक्री चाल आपके लिए आर्थिक उन्नति ला सकती है। आपके पिछले निवेश फायदेमंद साबित हो सकते हैं और आपका अटका हुआ पैसा अभी वापस आ सकता है। उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने की योजना सफल होगी।

मिथुन : लग्नेश बुध आपकी राशि के बारहवें भाव में गोचर कर रहा है। यह स्थिति विदेशी स्रोतों से धन प्राप्ति के लिए अनुकूल है। आप विभिन्न गतिविधियों में हाथ आजमाएंगे लेकिन आपको सलाह दी जाती है कि आप बहुत सोच-विचार के बाद ही कोई निर्णय लें क्योंकि बुद्धि का ग्रह बारहवें घर में गोचर कर रहा है। नौकरीपेशा लोगों को लाभ होगा। नौकरी में परिवर्तन और स्थानान्तरण की संभावना है लेकिन अपनी वर्तमान नौकरी में बहुत सोच समझ कर परिवर्तन करें।

कर्क : आपकी राशि के ग्यारहवें भाव में वक्री बुध आपके पूर्व निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने में आपकी मदद करेगा जो अतीत में कुछ कारणों से अटके हुए थे। आर्थिक लाभ के लिए यह एक अच्छी स्थिति है। आपके पुराने मित्र आपके जीवन में फिर से आ सकते हैं। आप किसी नए कोर्स में नामांकन भी कर सकते हैं।

सिंह : दशम भाव में वक्री बुध आपके करियर और व्यवसाय में शुभ परिणाम लाएगा। आपको नए अवसर मिलेंगे जो आपके लिए दीर्घकालिक लाभ लाएंगे लेकिन किसी भी नए व्यावसायिक उद्यम में प्रवेश करते समय हमेशा सावधान रहें। समय सहायक है लेकिन बुद्धि का ग्रह भी वक्री है। परिवार में आपके पिछले सभी मनमुटाव दूर हो जायेंगें। आप इस दौरान अपने घर या वाहनों के रखरखाव पर भी खर्च कर सकते हैं।

कन्या : आपके नवम भाव में बुध का वक्री होना आपको धार्मिक प्रवृत्ति दे सकता है। आप धार्मिक या कार्य संबंधी उद्देश्य के लिए भी छोटी दूरी की यात्रा की भी योजना बना सकते हैं।
व्यवसाय से संबंधित कोई भी निर्णय लेते समय व्यवसायियों को सचेत रहने की आवश्यकता है और यह सलाह दी जाती है कि दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने से पहले उनकी प्रामाणिकता की जांच कर लें। जो लोग साझेदारी के कारोबार में हैं, उन्हें भी सभी संभावित खतरों की जांच-पड़ताल करने के बाद समझदारी से निर्णय लेना चाहिए।

तुला : बुध अष्टम भाव में वक्री है इसलिए कार्यों में अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। आपके बातचीत के तरीके में सुधार होगा जिससे आपको अच्छा पैसा कमाने में मदद मिलेगी। परिवार के साथ आपके संबंध मधुर रहेंगे। पिछला निवेश फलदायी परिणाम लाएगा और अप्रत्याशित संसाधनों के माध्यम से अचानक धन लाभ की संभावना है।
यह समयावधि छात्रों के लिए कुछ कठिनाइयाँ पैदा कर सकती है और उन्हें वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए अधिक मेहनत करने की आवश्यकता है।

वृश्चिक : बुध आपके सप्तम भाव में वक्री हो जायेगा। बुध के इस प्रभाव से स्वयं का व्यवसाय कर रहे जातक विदेश यात्रा कर सकते हैं या अपने काम के लिए कुछ लंबी दूरी की यात्रा कर सकते हैं। अपनी महँगी चीज़ों का ख़्याल रखें, नहीं तो वे चोरी या किसी अन्य कारण से खो सकती हैं। आपके और जीवनसाथी के बीच मनमुटाव का ध्यान रखें। इस समय अवधि में निवेश से बचें।

धनु : छठे भाव में वक्री बुध आपकी त्वचा और दांतों से संबंधित कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। कार्य स्थल पर पदोन्नति और वेतन वृद्धि के लिए समय अच्छा है। इस दौरान आपको अपने अधीनस्थों का सहयोग प्राप्त होगा। अपने खर्चों पर ध्यान दें।

मकर : बुध आपके पंचम भाव में वक्री है जो पढ़ाई और रचनात्मक कार्यों में अच्छे परिणाम लाएगा। हालाँकि बुध का अस्त होना कुछ भ्रम की स्थिति पैदा कर सकता है लेकिन अपनी तेज बुद्धि से आप किसी भी कठिन परिस्थिति को पार कर लेंगे। इस दौरान शेयर बाजार में निवेश न करें क्योंकि नुकसान हो सकता है। अपने रिश्ते में किसी भी तरह की गलतफहमी से बचने के लिए अपने लव पार्टनर से अच्छी तरह बात करें।

कुंभ : बुध आपके चतुर्थ भाव से वक्री गति में गोचर करेगा। छात्रों और व्यवसायियों के लिए यह एक अच्छी स्थिति है। उन्हें बहुत लाभ होगा लेकिन बुद्ध के अस्त होने की अवधि का विशेष ध्यान रखें। पारिवारिक माहौल शांतिपूर्ण रहेगा लेकिन निवेश का कोई भी फैसला सोच-समझकर ही लें।

मीन : तीसरे भाव में वक्री बुध आपके दृढ़ संकल्प और साहस में सुधार करेगा। आप अपनी प्रभावी बातचीत से चीजों को अपने पक्ष में मोड़ लेंगे। लंबी अवधि के निवेशों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करने की आवश्यकता है क्योंकि बुध वक्री गति में होने से दस्तावेज़ में समस्या हो सकती है। अपने छोटे भाई-बहनों की मदद से आर्थिक लाभ कमाने के लिए समय अच्छा है।

manoj jpg
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री

ज्योतिर्विद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

one × 2 =