भारतीय मजदूर संघ व भारतीय रेलवे मजदूर संघ से संबंद्ध दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ (डीपीआरएमएस) ने केंद्रीय कार्य समिति की वर्चुअल बैठक का आयोजन किया। इस बैठक की अध्यक्षता जोनल अध्यक्ष प्रहलाद सिंह ने की एवं इसका संचालन महामंत्री पवन कुमार ने किया। बैठक में भारतीय रेलवे मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद कुमार सिंह का उद्घाटन भाषण के रूप में उद्धबोधन हुआ।
अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने कहा कि कई राज्य सरकारें व भारत सरकार द्वारा मजदूरों के हितों के विरूद्ध कार्य किए जा रहे हैं। भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों व सरकारी क्षेत्रों का निगमीकरण व निजीकरण किया जा रहा है, जो सही नहीं हैं। निगमीकरण व निजीकरण न तो कर्मचारियों की हित हैं और नही देश के नागरिकों के हित में।
इसके विरूद्ध भारतीय मजदूर संघ द्वारा 24 जुलाई से 30 जुलाई,2020 तक “सरकार जगाओ सप्ताह” का आयोजन किया जाएगा। तय कार्यक्रम के अनुसार रेलवे में 27 जुलाई 2020 को विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा।
बैठक में निगमीकरण व निजीकरण का पुरजोर विरोध का निर्णय पारित किया गया।
साथ ही रेलवे में कर्मचारी विरोधी निर्णय में मान्यता प्राप्त फेडेरेशनों (AIRF/NFIR) की सहमति पर गंभीर चिंता व्यक्त किया गया। बैठक को संबोधित करते हुए दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ के महामंत्री पवन कुमार ने कहा कि भारत सरकार ने रक्षा के उत्पादन इकाईयों का निगमीकरण के साथ ही कोयला क्षेत्र को निजी हाथों में सौंपने का निर्णय लिया है, जो देश हित में नहीं हैं।
देश में सबसे अधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाले रेलवे में कर्मचारियों की संख्या कम करना, नई नियुक्ति रोकना भारतवर्ष के बेरोजगार युवाओं के साथ घोर अन्याय है। इसके विरूद्ध जनआंदोलन की आवश्यकता है। विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में कर्मचारियों से बढ़-चढ़ कर भाग लेने का अपील किया।
समापन भाषण में अध्यक्ष प्रह्लाद सिंह ने रेलवे में मजदूर विरोधी नीतियों में रेलवे बोर्ड व सरकार के सहमत रेलवे के दोनों मान्यता प्राप्त यूनियन के दोहरे आचरण का भी विरोध करने का आह्वान किया।