नई दिल्ली। कार्बन उत्सर्जन के स्तर में कमी लाने के प्रयासों के अंतर्गत देश की सबसे बड़ी एकीकृत विद्युत उत्पादक कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड ने दिल्ली जल बोर्ड के सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लांट्स (एसटीपी) के स्लज (कचरे) का उपयोग बिजली बनाने में करने के लिए बोर्ड के साथ मिल कर एक पहल की है। एनटीपीसी की एक विज्ञप्ति के अनुसार उसके दादरी संयंत्र की यूनिट-4 के बॉयलर में सूखे स्लज का दहन कर के बिजली का उत्पादन किया गया। कंपनी ने कहा है कि हरित तकनीक पर आधारित यह समाधान पर्यावरण के लिए अनुकूल तरीके से एसटीपी स्लज से हरित ऊर्जा बनाने का आधुनिक तरीका है, जिसमें कार्बन डाई ऑक्साईड का उत्सर्जन नहीं होता।
बैटरी अदला-बदली नीति का मसौदा जारी : इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को किफायती बनाने के लिए नीति आयोग ने गुरुवार को बैटरी स्वैपिंग (बैटरी अदला-बदली) नीति का मसौदा जारी किया और इसपर हितधारकों से 5 जून तक सुझाव आमंत्रित किया। बैटरी अदला-बदली प्रक्रिया एक विकल्प है, जिसके तहत चार्ज की गई बैटरी के लिए चार्ज ख़त्म हो चुकी बैटरी को बदला जाता है। इस प्रक्रिया में वाहन और बैटरी दोनों अलग होते हैं। इस प्रकार वाहनों की अग्रिम लागत को कम हो जाती है।