नयी दिल्ली। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को कहा कि रेलवे में एक लाख चालीस हजार पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है जिन्हें जल्द पूरा कर लिया जायेगा। वैष्णव ने रेलवे के कामकाज पर राज्य सभा में कल से चल रही चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि पिछले दिनों नियुक्ति प्रक्रिया में कुछ दिक्कतें आईं थी जिनका समाधान अब कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि रेलवे में कभी भी नियुक्ति प्रक्रिया को बंद नहीं किया गया था बल्कि 2009 से 2014 के दौरान दो लाख से अधिक तथा 2014 से अब तक तीन लाख 44 हजार 646 लोगों की नियुक्ति की गई हैं। उन्होंने रेलवे में क्षेत्रीय स्तर पर जोनल कार्यालय की स्थापना की मांग को खारिज करते हुए कहा कि इसका निर्माण परिचालन आधार पर ही होगा।
साउथ कोस्ट जोन का गठन क्षेत्रीय आधार पर नहीं किया गया है। इसका निर्माण कार्य तेजी से अब चल रहा है। वैष्णव ने कहा कि रेलवे में पूंजी निवेश की समस्या के समाधान के लिए ही इसके बजट को आम बजट के साथ किया गया है। उन्होंने कहा कि रेलवे में लंबे समय से पूंजी की समस्या बनी हुई है जो निवेश पिछले 70 साल में किया जाना था, वह नहीं किया गया। वर्ष 2009 से 2014 के दौरान रेलवे में 45 हजार करोड़ तथा 2014 से 2019 के दौरान 99 हजार 511 करोड़ रूपये का निवेश हुआ था।
इस साल दो लाख 45 हजार करोड़ के निवेश का प्रावधान किया गया है। रेलवे के तेजी से विकास के लिए सालाना तीन लाख करोड़ रुपये की जरूरत है। रेल मंत्री ने रेल लाइन के विद्युतीकरण की चर्चा करते हुए कहा कि 2009 से 2014 के दौरान वर्ष 608 किलोमीटर रेल लाइन का ही विद्युतीकरण हो रहा था जो 2014 से 2019 के दौरान बढ़कर 3440 किलोमीटर हो गया था। अब तक करीब 50 हजार किलोमीटर रेल लाइन का विद्युतीकरण हो गया है।वैष्णव ने देश में बुलेट ट्रेन के परिचालन के लिए की चर्चा करते हुए कहा कि नयी पीढ़ी की आकांक्षा आधुनिकता की ओर हैं।
अहमदाबाद से मुम्बई तक रेल लाइन के निर्माण के लिए सूरत में एक विशाल जियो टेक्निकल लैब की स्थापना की गई है। इस रेल लाइन के लिए 29 किलोमीटर में पिलर लगाए गए हैं और मानसून के दौरान इसके दूसरे कार्य की ओर ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि छोटे किसानों और उद्यमियों के बीच किसान रेल की लोकप्रियता को देखते हुए सामानों की सुरक्षित आवाजाही के लिए नए कंटेनर के परीक्षण का कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि पुराने रेलवे कोच के स्थान पर आधुनिक डिब्बे लगाए जाने का काम तेजी से चल रहा हैं और हर माह पांच छह ट्रेनों में नए डिब्बे लगाए जा रहे हैं।