कोलकाता। बंगाल राज्य परिवहन विभाग इस साल दुर्गा पूजा के दौरान सीएनजी बसें चला सकता है। एक अधिकारी ने कहा कि “हम परिचालन लागत को कम करने और वायु प्रदूषण को कम करने के लिए अगले छह महीनों में सीएनजी बसें चलाएंगे।” पता चला है कि राज्य परिवहन विभाग ने राज्य भर में चलाई जाने वाली 50 सीएनजी बसों के निर्माण के आदेश दिए हैं। राज्य परिवहन विभाग ने हाल ही में दक्षिण बंगाल में दो सीएनजी बसें शुरू की थीं।
पिछले साल अगस्त में राज्य के परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम ने कसबा परिवहन भवन में डीजल की आसमान छूती कीमतों के कारण परिवर्तनशील रास्ता खोजने और नुकसान से बचने के लिए दो लंबी दूरी की दोहरी ईंधन इंजन (सीएनजी और डीजल) बसों का उद्घाटन किया था। दोहरे इंजन वाले दक्षिण बंगाल राज्य परिवहन निगम (एसबीएसटीसी) की लंबी दूरी की बसें दो सप्ताह के लिए कोलकाता और आसनसोल के बीच परीक्षण के आधार पर चलाई गईं।
परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा है कि, ‘हमने कुछ सीएनजी बसें चलाना शुरू कर दिया है। लेकिन हम बैटरी से चलने वाली बस रोड पर उतरना चाहते हैं। हालांकि लिथियम बैटरी की समस्या है। लिथियम का अधिकांश उत्पादन चीन में होता है। कुछ ऑस्ट्रेलिया बनाता है। नतीजतन, लिथियम संकट बैटरी से चलने वाली बसों को उतारने में समस्या पैदा कर रहा है। ”
हालांकि, उन्होंने कहा कि चीन की एक कंपनी के साथ समझौता हुआ है। ऐसे में लिथियम बैटरी के लिए आशा की एक किरण जगी है। प्रदूषण कम करने के लिए राज्य परिवहन विभाग पहले ही शहर में इलेक्ट्रिक बसें चला चुका है। इस समय सड़कों पर 80 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। अगले एक साल में मौजूदा बेड़े में 1000 इलेक्ट्रिक बसें जोड़ी जाएंगी।
लंबी दूरी की बस में ड्यूल इंजन लगाने का मुख्य कारण यह है कि राज्य में डीजल बेचने वाले पेट्रोल पंपों की तुलना में सीएनजी फिलिंग स्टेशनों की संख्या कम है। हकीम ने शहर में दो कम दूरी की पश्चिम बंगाल परिवहन निगम (डब्ल्यूबीटीसी) सीएनजी बसों का उद्घाटन किया। दो सीएनजी बसें डेढ़ महीने के लिए परीक्षण के आधार पर चलाई गईं। एक अधिकारी ने कहा कि ट्रायल रन पहले ही हो चुका है। एक कंपनी को वाहनों के इंजन कन्वर्जन का काम दिया गया, इसमें समय लगेगा।