राज्यपाल ने ममता बनर्जी को लिखी चिट्ठी, ट्विटर पर शेयर कर बोले- जब चाहें राजभवन आ जाएं

कोलकाता।  पश्चिम बंगाल में राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच टकराव के बीच राज्यपाल ने ममता बनर्जी को पत्र लिखकर बातचीत का न्यौता दिया है और उन्हें सुविधानुसार राजभवन आमंत्रित किया है। इसे आपसी रिश्ते सुधारने की कोशिश माना जा रहा है। बंगाल में राज्यपाल और मुख्यमंत्री के विवाद के बीच राज्यपाल ने ममता बनर्जी को दिया बातचीत का न्यौता।राज्यपाल ने ट्विटर पर एक पत्र शेयर किया है जो कि उन्होंने 15 फरवरी को ममता बनर्जी को लिखा था। इस पत्र में उन्होंने कहा था कि अगले सप्ताह मुख्यमंत्री जब चाहें राजभवन में बात कर सकती हैं।

बता दें कि बंगाल में राज्यपाल जगदीप धनखड़ और ममता बनर्जी में टकराव चल रहा है। विवाद यहां तक ​​बढ़ गया है कि तृणमूल कांग्रेस ने राज्यपाल को हटाने की मांग को लेकर संसद में मुखर रही है। 31 जनवरी को उन्होंने राजभवन के ट्विटर अकाउंट को ब्लॉक कर दिया और कहा कि उन्हें असंवैधानिक बयानों की वजह से ऐसा करना पड़ गया। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि राज्यपाल खुद को सबसे उच्च समझते हैं और सरकारी अधिकारियों को नौकर समझते हैं। इसके बाद धनखड़ ने भी कहा था कि ममता बनर्जी का यह कदम संविधान के खिलाफ है।

यह सब तब हुआ जबकि गवर्नर ने बंगाल ग्लोबल समिट, मां कैंटीन, विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति, शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई से संबंधित मुद्दे उठाए थे। बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भी गैर-भाजपा शासित राज्यों के राज्यपालों की अति सक्रियता के खिलाफ बात की है। उन्होंने इस संबंध में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से भी बात की है।

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को इसी सप्ताह राजभवन आने को कहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राजभवन आने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि बातचीत से सभी समस्याओं का समाधान होता है, इसलिए दोनों पर चर्चा करने की जरूरत है। राज्यपाल ने ऐसे बयान के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र भेजा है। इस बारे में उन्होंने ट्वीट भी किया है। पत्र के बयान को देखकर कई लोग कह रहे हैं कि राज्यपाल संघर्ष को सुलझाने के लिए तत्परता दिखा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपनी सुविधानुसार मिलने के लिए भी कहा है।

राज्यपाल ने ममता बनर्जी को पत्र लिखकर राजभवन में सुविधानुसार बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। बता दें कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को फोन किया था। उन्होंने राज्यपाल की सक्रियता की बात कही थी। उन्होंने स्टालिन से बीजेपी विरोधी गठबंधन को मजबूत करने का आह्वान किया है। ममता बनर्जी द्वारा उन्हें यह याद दिलाने के बाद, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन ने भी ट्वीट किया और इसका समर्थन किया था।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एक ट्वीट में लिखा कि राज्यपाल ने जिस तरह से पश्चिम बंगाल में राज्य विधानसभा सत्र की समाप्ति की घोषणा की थी, वह उनके जैसे संवैधानिक प्रमुख के लिए अवांछनीय था और उनसे इस तरह के गैर-सैद्धांतिक व्यवहार की उम्मीद नहीं की जा सकती। एक रीट्वीट में, राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने लिखा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री का सख्त अवलोकन सच्चाई से जुड़े आदेश के अनुरूप नहीं था। राज्य मंत्रिमंडल से चर्चा के बाद सत्र स्थगित कर दिया गया था। दूसरी ओर टीएमसी राज्यपाल के खिलाफ विधानसभा में निंदा प्रस्ताव लाने वाली है। इसके साथ ही सीएम ममता बनर्जी कई बार केंद्र सरकार से राज्यपाल को हटाने की मांग कर चुकी हैं।

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