नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि वर्तमान सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) एक दूसरे के अधिकार क्षेत्र का पूरा सम्मन करते हैं और क्रिप्टोकरेंसी पर कोई भी निर्णय रिजर्व बैंक की सहमति से लिया जाएगा। श्रीमती सीतारमण यहां बजट 2022-23 के बाद रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रही थी। संवाददाता सम्मेलन को आरबीआई के गवर्नर डॉ. शक्तिकांत दास ने भी संबोधित किया।
वित्त मंत्री ने बजट में क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन पर कर लगाने और उसके बाद 10 फरवरी को गवर्नर दास द्वारा क्रिप्टोकरेंसी (निजी आभाषी मुद्राओं) को वित्तीय प्रणाली की स्थिरता के लिए खतरा बताए जाने वाले वक्तव्य से असमंजस पैदा होने सुझाव पर कहा, “क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार और रिजर्व बैंक की सोच समान है।” उन्होंने कहा कि केवल सिर्फ क्रिप्टोकरेंसी, नहीं, तमाम मुद्दों पर भी सरकार और केंद्रीय बैंक मिलकर काम कर रहे हैं।
श्रीमती सीतारमण ने कहा, “आप अब देख रहे होंगे, सरकार और रिजर्व बैंक दोनों एक दूसरे के कामकाज के तरीके और अधिकार क्षेत्र का सम्मान करते हैं। हम इस बात को भलीभांति जानते हैं कि दोनों को मिलकर ऐसा फैसला लेना है जो देशहित में हो।” उन्होंने कहा कि ‘क्रिप्टोकरेंसी के बारे में भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है और इसको लेकर जब कभी फैसला लिया जाएगा, रिजर्व बैंक की सहमति के बाद ही लिया जाएगा।’
आरबीआई गवर्नर दास ने इस मुद्दे पर कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार और आरबीआई के बीच आंतरिक स्तर पर चर्चा चल रही है। आरबीआई अपनी बात सरकार को बता चुका है। दास ने कहा कि वह इस मामले पर अभी इसके अलावा कोई और जानकारी नहीं दे सकते हैं।