गलवान के चीनी सैन्य कमांडर को ओलंपिक में मशाल देने से भारत नाराज

नयी दिल्ली। भारत ने बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक खेलों की मशाल रिले में गलवान घाटी में भारतीय सेना के साथ हिंसक झड़प में शामिल रहे चीनी सेना के कमांडर को शामिल किये जाने के विरोध में आयोजन के उद्घाटन और समापन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यहां वर्चुअल माध्यम से आयोजित नियमित ब्रीफिंग में एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्होंने इस बारे में रिपोर्टें देखीं हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि चीन सरकार ने ओलंपिक जैसे आयोजन का राजनीतिकरण कर दिया है।

बागची ने कहा कि बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास के प्रभारी बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन समारोह और समापन समारोह में शामिल नहीं होंगे।चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट में शीतकालीन ओलंपिक की मशाल रिले में एक चीनी सैनिक के हिस्सा लेने को बहुत बढ़-चढ़कर दिखाया गया है। यह चीनी सैनिक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का रेजिमेंट कमांडर की फाबाओ है जो वर्ष 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हुई झड़प में बुरी तरह से घायल हुआ था और उसके सिर पर गंभीर चोटें लगी थीं।

चीन के इस सरकारी अखबार ने फाबाओ को एक नायक बता कर पेश किया है। बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक शुरू से ही राजनीतिक विवाद का शिकार हो गया है। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा और न्यूजीलैंड ने गत वर्ष ही इसके बहिष्कार की घोषणा की थी। इन बहिष्कारों से बौखलाए चीन ने इन पश्चिमी देशों को चेतावनी दी थी कि वे इस बहिष्कार की ‘कीमत चुकाएंगे’।

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