।।सन् 2022 में मिथुन राशि का वार्षिक राशिफल।।
मिथुन (क, की, कु, घ, ङ, छ, के, को, ह) शुभरंग : हरा,
शुभ अंक : 3-6
शुभ धातु : चांदी,
शुभ रत्न : पन्ना,
शुभ दिन : बुध,
ईष्ट : गणेश जी
शुभ रहे : गणेश चालीसा का पठन करने से लाभ।
शुभमास : चैत्र, आश्विन मार्गशीर्ष, पौष, माघ, फाल्गुन।
मध्यम : भाद्रपद. कार्तिक।
अशुभ : वैशाख, ज्येष्ठ आषाढ़ श्रावण।
आपकी राशि का स्वामी बुध है। अधिकतर शांति व समझौतावादी विचार स्वभाव में रखते हैं। इसी कारण आत्मविश्वास की कमी भी रहती है जिससे नुकसान भी होता है। धारणाओं को बदलना आसान नहीं होता। मानसिक चंचलता, चिंतन, गंभीरता काफी रखते हैं। समय पर कार्य करना, प्रभावी विचारों का आकर्षण रहता है। तात्कालिक शत्रु बने रहते हैं। वास्तविकता को महत्व देना होता है। कटुता, ईर्ष्या नहीं रखते। अपनी बात, विचारों में स्पष्टता रखते हैं। दूसरों के प्रति लगाव, प्रेम रखते हैं। जवाबदारी भलापन, अनायास होने वाली घटनाओं से गंभीरता बढ़ती है। दूसरों को सबक सिखाते हैं। अधिकतर मामलों में आपको समझ पाना मुश्किल होता है। वैचारिक सामंजस्यता रखना कठिन होता है। दूसरों के कारण महत्व को स्थितियों में मन दूषित, निरुत्साहित हो जाता है। वैसे व्यर्थ मानसिक भय, चिंता बनी रहती है। स्वयं दूसरों के मामलों में जवाबदारी उठाते हैं अपने ही लोगों में धारणा के शिकार होते हैं।
कामकाज के प्रति विश्वास, समर्पण, सजगता रखते हैं। निजी तौर पर काफी संतोष रखते हैं। निजी प्रेम, स्नेह, जवाबदारी, पारिवारिक सजगता बनी रहती है। व्यावहारिक यश, सफलता बराबर उठा लेते हैं। विचार क्षमता काफी रहती है। ज्ञानार्जन किसी भी बात को वास्तव में समझना आसान होता है। सैद्धांतिक जीवन-यापन रहता है। दर्शन, अध्यात्म, सामाजिक, जातिगत भावनाएं रहती हैं। तर्क-वितर्कता से अनिश्चितता बनती है। सहजता से किसी से सहमति नहीं बनती। अधिक विश्लेषण करते हैं। मानसिक श्रद्धा, विश्वास आवश्यकता अनुरूप मानते हैं। अपने कर्तव्यों के प्रति सजगता बनी रहती है। हठधर्मिता भी काफी सहायक रहती है। वर्ष में गुरु का विशेष प्रभाव रहेगा, सुखद लाभप्रद स्थितियां मई तक अनुभव करेंगे पश्चात सामान्य स्थिति रहेगी।
कुल मिलाकर इस वर्ष की दिन दशा का कालांश तथा गोचर गणना का चलन-कलन सुधारक प्रतीत होता है। श्रीकार सुखद योगों की अभिवृद्धि तथा अनुकूल वातावरण हेतु अवसर मिलेंगे। तथापि दिनमान विशेष योगकारक या प्रभावशील नहीं है, कुछ नवीनता का यश सूचक बनें, बौद्धिक प्रतिभा, विवेक, सोच-समझ की पात्रता में सुधार आएगा। इस वर्ष कुयोग की रचना 55 प्रतिशत तो सुयोग का सम्पर्क माप 45 प्रतिशत का बना है। इसी अनुपात से नित्य के कार्य व्यवहार में प्रतिफल मिलेंगे। सुयोग वृद्धिवश, मनोत्साह- कार्य प्रणाली में नवीन गति, मित्र बान्धव, सहयोगी वर्ग से अनुकूल वातावरण रहें। श्रमसाधना कर्मगति निज शक्ति अनुसार प्रतिफल बनें, लाभ आमद में सुधारक गति। कुयोगवश शरीर सुख आरोग्य में कमी, मानसिक प्रभार-चिन्तन तथा गुप्त विकार भी बन पावें। विशेष प्रलोभन से बचाव रखें एवं निज शक्ति अनुसार गतिशील रहें तथा यात्रा प्रयास वाहन उपयोग में सावधानी रखें। आरक्षण संरक्षा हेतु सिद्ध विधान की शनि मुद्रिका धारण करना योग्य सन्मार्ग समझें।
इस वर्ष 12 अप्रेल से ग्यारहवें स्थान में राहु लाभ, कर्मक्षेत्र में उन्नतिकारक है किन्तु मित्रों से हानि, लेन-देन के मामलों में विवाद, पुत्र सन्तान को कष्टकारक है। 13 अप्रेल से दशम स्थान में स्वराशि में गुरु शुभ फलदायक है। धनलाभ, गृह सुख मान-सम्मान में वृद्धि होगी। धार्मिक कार्यों में रूचि बढ़ेगी। विद्यार्थी वर्ग को परीक्षा प्रतियोगिता में शुभ परिणाम प्राप्त होंगे। मन प्रसन्न रहेगा। गुरु 28 जुलाई से 23 नवम्बर तक वक्रत्व काल में अधिक शुभ रहेगा। 29 अप्रैल से नवें स्थान में शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि में ताम्रपाद से गतिशील होगा। फलतः भाग्योदय, रोजगार प्राप्ति में सहायक होगा। कृषि व्यापार-स्त्री-पुत्र आदि से लाभ होगा। नये आर्थिक श्रोत बनेंगे। वाहन लाभ होगा।
4 जून से शनि वक्री होगा इस समय व्यर्थ विवादों से दूर रहना हितकर रहेगा। 12 जुलाई से वक्री शनि पुनः आठवें स्थान में छः माह के लिये ताम्रपाद से ही गतिशील रहेगा। शनि की ढैय्या होने से इस अवधि में श्रम-संघर्ष की अधिकता रहेगी। परिश्रम के अनुपात में लाभांश कम होगा। 23 अक्टूबर से शनि मार्गी होकर 17 जनवरी 2023 से पुनः नवम स्थान में स्वर्णपाद से गतिशील होगा। फलतः शारीरिक आरोग्यता में कमी, स्वजनों से विरोध, घर में कलह, धनहानि के योग बनेंगे। सारांशतः वर्ष का पूर्वार्द्ध शुभ व प्रगतिकारक तथा उत्तरार्ध मध्यम फलदायक रहेगा। शनि, राहु की शांति हेतु मंत्र जप, स्तोत्र पाठ, बटुक भैरव उपासना करनी चाहिये।
।।मासिक राशिफल।।
जनवरी : विदेश यात्रा के योग। आपके व्यवहार में निष्पक्षता, धैर्य व शान्ति का समावेश होगा। परिवार के सहयोग मन संतुष्ट होगा। यात्रा के योग बनेंगे एवं समाज के एक कुशल नेतृत्व की भूमिका निभायेंगे। वैवाहिक जीवन में संभलकर रहे। व्यापारिक यात्राएँ लाभ देंगी। नये वाहन का आगमन होगा एवं मांगलिक कार्यों में समय व्यतीत होगा।
ता० 1 से 15 तारीख तक अपने ऊपर संयम रखें।
फरवरी : संकट के समय मित्रों से सहयोग लें। अनर्गल विचारों के समावेश मन अशान्त रह सकता है। अटके हुए कार्य पूर्ण होंगे एवं अनपेक्षित कार्य सफल होंगे। बिजली उपकरणों की खराबी व आमदनी के अनुपात में व्यय की अधिकता मन को खिन्न करेगी। वैवाहिक संबंधों में कड़वाहट आयेगी।
माह की 2, 3, 5, 18, 11, 12, 14, 19, 20, 21, 28व 29 तारीख शुभ परिणामदायक है।
मार्च : संतान सुख की प्राप्ति होगी। अष्टम भावस्थ चतुष्ग्रह युति स्वास्थ्य को ठीक करेगी। कुछ नवीन कार्यारम्भ होंगे एवं कोर्ट-कचहरी के कार्य सिद्ध होंगे। मांगलिक कार्यों में व्यस्तत बढ़ेगी। कामकाजी महिलाओं के लिए उन्नतिदायक होगा। कार्य के लिए घर छोड़ना पड़ सकता है। उचित मात्रा में धन की प्राप्ति होगी। प्रतियोगी परीक्षा/साक्षात्कार में सफलता प्राप्त होगी। परिवार में विरोध एवं कार्यक्षेत्र में उच्चाधिकारियों से कलह से मन खिन्न होगा।
माह की 1 से 15 तारीख शुभ, व 21 से 27 शुभ नहीं है।
अप्रैल : व्यवसाय में नुकसान हो सकता है। चहुँ ओर से लाभ होगा एवं कष्टों से कुछ हद तक छुटकारा मिलेगा। मेहनत के अनुरूप फल प्राप्ति होगा। धन के अपव्यय से बचें। छात्रों के समय प्रतिकूल है। इष्टमित्रों का अनुकूल सहयोग एवं धन के आगमन से मन को शान्ति मिलेगी।
माह की 2, 3, 5, 6, 9, 10, 11, 12, 15, 16, 19, 20, 21, 23, 24, 27 व 29 तारीख शुभ।
मई : किसी अनजान व्यक्ति से सहयोग मिलेगा। कार्य की अधिकता व चिन्ताओं की वृद्धि से मन खिन होगा। न चाहते हुए भी विवादों में नाम आने से छवि खराब होगी। आपकी सकारात्मक सोच, भावुक व दयालु स्वभाव ही आपको हर मुसीबत में संबल प्रदान करेगा। शुभफलों हेतु धार्मिक स्थलों में मिष्ठान्न व पुस्तकों का दान करें।
माह की 1, 2, 3, 8, 9, 10, 11, 12, 17, 19, 20, 21, 23 व 28 तारीख शुभ है।
जून : समस्या का सामना करें, उससे बचकर भागने का प्रयास न करें। संतान संबंधित कार्य पूर्ण होंगे। आपके दुष्प्रचार को आप रोकने में सफल होंगे। नौकरी में स्थायित्व मिलेगा। परिवार की चुभती हुई बातों को दरकिनार करते हुए आपस में सामंजस्य स्थापित रखे। दशमेश गुरु का दशमभाव में गोचर आपको कॅरियर से जुड़ी समस्याओं से मुक्ति देगा। कार्यक्षेत्र का विस्तार होगा।
माह की 1, 2, 3, 6, 9, 10, 11, 12, 15, 19, 20, 21, 29 व 30 तारीख शुभ हैं।
जुलाई : निकट सम्बन्धी से समस्या हो सकती है। आत्मबल की वृद्धि होगी एवं जीवनसाथी से निकटता बढ़ेगी। प्रशासन में पकड़ मजबूत होगी। नये लोगों से मुलाकात होगी। परिवारजनों का सहयोग मिलेगा। पदोन्नति व स्थान के योग बनेंगे। अतीत के पल सुखद अहसास देंगे, आपके कार्यक्षेत्र में नयापन आयेगा।
माह की 1, 2, 3, 5, 6, 9, 10, 11, 12, 15, 19, 20, 21, 23, 27 व 29 तारीख शुभ होगी।
अगस्त : रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे एवं रुके हुए कार्य पूर्ण होंगे। कार्यक्षेत्र में अभी जोखिम न उठाये एवं प्रशासन के चक्कर मानसिक सन्ताप देंगे। कर्मचारियों से सुख एवं परिवार का सहयोग मिलेगा। नये निवेश की संभावन है एवं नये क्षेत्र प्राप्त होंगे। आपकी वाक् पटुता व कटु सत्य बोलने की आदत से दुश्मन बढ़ेंगे।
माह की 1 से 10 तारीख उत्तम फलदायक, व 21 से 25 शुभ कार्य के लिए वर्जित है।
सितम्बर : माता-पिता के आशीर्वाद से नया काम प्रारम्भ करें। कुछ नया सीखने हेतु मन प्रफुल्लित रहेगा। कार्यक्षेत्र में लोग आपसे सकारात्मक रुख रखेंगे। यात्रा के योग बनेंगे एवं सभी व्यवधान दूर होंगे। रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे एवं आर्थिक पक्ष भी सुदृढ़ होगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य में सुधार होगा। कमर या पैरदर्द से तकलीफ होगी।
तारीख 1, 2, 3, 6, 9, 10, 11, 12, 15, 19, 20, 21, 29 व 30 शुभ हैं।
अक्टूबर : समाज कल्याण में समय व्यतीत करें। लक्ष्य का चुनाव सही होगा तो शत्रुपक्ष आपको नुकसान ही पहुंचा पायेगा। इच्छित फल नहीं मिलने से मन में कुण्ठा का जन्म होगा। आप कम्प्यूटर, यात्रा, सम्पर्क, ऑनलाईन खेलों में समय व्यतीत करेंगे। भोजन की व्यवस्था का ध्यान रखे अन्यथा उदरविकास से ग्रस्त होंगे। मंगल का आपकी राशि में भ्रमण जमीन आदि का लाभ देगा।
माह की 1, 2, 3, 10, 11, 12, 19, 20, 21, 28, 29 व 30 तारीख सर्वश्रेष्ठ है।
नवम्बर : मित्रों से अनबन हो सकती है। अपनों को समय देवे, अन्यथा मनमुटाव बढ़ सकता है। वाहन को सावधनी से चलाये एवं अग्नि से बचें। तनाव से मुक्ति मिलेगी। यथासम्भव मकान की मरम्मत या मकान बदलना जैसे कामों से बचें। मीडिया से संबंधित लोग, लेखक, छात्रों को नये अवसर प्राप्त होंगे। कार्यक्षेत्र में उच्चाधिकारी संतुष्ट होंगे। पैरों या कफ संबंधी समस्या आपको रह सकती है।
माह की 1, 2, 3, 10, 11, 12, 19, 20, 21, 28, 29 व 30 तारीख मध्यम रहेगी।
दिसंबर : परिवार में कलह का माहौल हो सकता है। परिवार के सहयोग मन प्रसन्नचित्त रहेगा। कोर्ट कचहरी के मामले किसी की मध्यस्थता से सुलझ जायेंगे। कुछ बड़े फैसले लेने में हिचकिचाहट महसूस करेंगे, जिसका असर आपके पूरे जीवन पर पड़ सकता है। पंचमस्थ चन्द्रमा बच्चों से जुड़ी कोई समस्या को सुलझाएगा। व्यापार में आप नए-नए उपाय आजमाकर उसे नयापन देंगे, जिससे लाभ होगा।
माह की 4, 13 व 22 तारीख को नया अथवा शुभ कार्य न करें।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें
जोतिर्विद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
9993874848