।।सन् 2022 में वृषभ राशि का वार्षिक राशिफल।।
वृष TAURUS — (ई, उ, ए, ओ, वा, वि, वू, वे, वो)
शुभ रंग सफेद, शुभ अंक 4 व शुभ रत्न होरा व सफेद पुखराज, शुभ वार शुक्रवार, बुध व शनि, ईष्ट महालक्ष्मी, शुभमाम ज्येष्ठ, सामान्य मास श्रावण, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष माघ, फाल्गुन, अशुभमास चैत्र, वैशाख, आषाढ़ व भाद्रपद।
आपकी राशि का स्वामी शुक्र है। वैसे यह काफी प्रभावीशाली राशि मानी जाती है। जितना मानसिक प्रेम रखते हैं उतना ही लोग भय भी रखते हैं। साधारण-सी बातचीत का अंदाज व्यवहार, भावुकता, प्रेम भावना में बदल जाता है। जिसका परोक्ष लाभ, यश मिलता है। दूसरी का विश्वास, मनमाफिकता आसान हो जाती है। स्वयं के सोच, अस्तित्व को बनाए रखना मुश्किल होता है। स्वयं को स्थापित रखते हैं। दूसरों को दर्शाते नहीं। आत्मचिंतन मानो विशेष परिस्थिति में ही करते हैं। समय पर होने अथवा रहने वाली स्थिति को महत्व देते हैं। योजनाओं का प्रभाव आकर्षण बना रहता है।
किन्हीं मामलों में दूसरों की योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर कर पाते हैं। निजी मामलों में वह संभव नहीं रहता जिसका सामाजिक जातिगत, व्यक्तिगत प्रभाव रहता है। कार्यकुशलता में कमी रहती है। हिम्मत साहस, आत्मवि श्वास नहीं जुटा पाते तर्क-वितर्कता में नुकसान, विरोध, शत्रुता स्वभाव का प्रश्नचिह्न बन जाता है। पश्चाताप गंभीरता के कारण स्वयं उलझे रहते हैं नितांत निजी जीवन हताश ही रखता है आप राशि वालों को स्वभाव के गुण धर्मों से ही प्रगति, अवसरों में अवरोध आते हैं। जो भी लाभ, योग्यता, प्रतिष्ठा, सम्मान मिलता है उसे सम्हालना, निभाना आसान नहीं होता।
इस वर्ष आपको मिलेजुल फल मिलने वाले है। 12 अप्रेल से बाहरवें स्थान में राहु अशुभ जबकि 13 अप्रैल से ग्यारहवें स्थान में गुरु शुभ है। बारहवें राहु के अशुभ प्रभाव से व्यय भार में वृद्धि तथा घरेलू सुख-शांति में कमी अनुभव होगी। जबकि ग्यारहवें गुरु के शुभ प्रभाव से पुत्र व राज्य से सुख, कार्य व्यवसाय में उन्नति से श्रेष्ठ धनलाभ, वैभव विलास के साधन अर्जित होंगे। मित्रों से सुख व सहयोग मिलेगा। धर्म के विषय में रुचि बढ़ेगी। विरासत आदि से भी लाभ होगा। वर्ष में गुरु 28 जुलाई से 23 नवम्बर तक वक्री रहेगा। स्वराशि में एकादश गुरु वक्री होने पर अधिक शुभ फल प्रदान करेगा। “सौम्या वक्राः शुभावहाः।” वर्ष में 29 अप्रेल से दशम शनि स्वर्णपाद से गतिशील होगा। स्वर्णपाद से शनि गृहक्लेश, कुटुम्ब विरोध, रोग, धन हानिकारक है।
“कुटुम्बंरोधं बहुरोगयुक्तं क्लेशोदयं च करोति नित्यम्। द्रव्यार्थ नाशो बहुलं करोति सुवर्ण पादे स्वजने विरोधम् ।।”
4 जून से शनि वक्री होने पर अधिक क्रूर होगा। वक्री शनि 12 जुलाई से पुनः नवें स्थान में लोहपाद से गतिशील होगा। फलतः शरीर पीड़ा, व्यवसाय में हानि, राज्य से भय, स्त्री-कष्ट, पशुधन हानि, आर्थिक संकट संभव है। 23 अक्टूबर से शनि मार्गी होकर 17 जनवरी 2023 से पुनः दशम स्थान में ताम्रपाद से गतिशील होगा। फलतः व्यापार-कार्यक्षेत्र में अनुकूलता बनने से आर्थिक व सामाजिक स्थिति मजबूत होगी। राजकीय पक्ष भी प्रगति में सहायक होगा। वृष राशिपति शुक्र का शनि मित्र ग्रह है। शनि स्वराशि में ही गतिशील है। अतः स्वर्ण लोहपाद से गतिशील होने पर भी शनिजनित अशुभ प्रभाव असहनीय नहीं होंगे। श्रम-संघर्ष विरोध के उपरान्त भी अनुकूलता का मार्ग प्रशस्त होगा। शनि व राहु ग्रह की शांति हेतु शनिवार व्रत शनि स्तोत्र पाठ तेल व काली वस्तुओं का दान करना चाहिये।
मासिक राशिफल:
जनवरी– दूसरों की मदद से अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। स्वयं के फैसलों से कष्ट की अनुभूति होगी। वरिष्ठजनों की सलाह से हानि कम होगी। कार्यक्षेत्र में स्थिति सुधरेगी। आपसे इष्ट मित्रों का कल्याण होगा। स्थायी सम्पत्ति से लाभ होगा, वाणी पर नियन्त्रण रखे। सामाजिक सरोकारों में भागीदारी बढ़ेगी। प्रशासन से सहयोग मिलेगा।
माह की 2, 3, 5, 6, 9, 10, 11, 12, 15, 16, 19, 20, 21, 23, 24, 27 व 29 तारीख शुभ है।
फरवरी– माता-पिता के आशीर्वाद से नया काम – प्रारम्भ करें। तकनीकि शिक्षा से लाभ होगा। व्यर्थ परिश्रम से दूर रहें, अन्यथा कष्ट होगा। कार्यक्षेत्र में चिन्ता होगी। सिरदर्द या दाँत के दर्द से कष्ट होगा। परिवार में उपलब्धि प्राप्त होगी। आपकी सहनशीलता ही कार्यसिद्धि करेगी।
माह की 1, 2, 3, 6, 9, 10, 11, 12, 15, 19, 20, 21 व 29 शुभ हैं।
मार्च– लम्बी दूरी की यात्रा से बचें। कार्य के बोझ को भी आप आसानी से पार कर लेंगे। कार्य की संतुष्टि से मन प्रफुल्लित होगा। परिवारजनों का अस्पताल जाना पड़ सकता है। छात्रों का मनोनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे। व्यापारिक यात्राओं से लाभ होगा एवं शुभ प्रसंगों की योजना से मन हर्षित होगा। इष्ट-मित्रों का सहयोग व मांगलिक आयोजन मानसिक संतुष्टि देंगे।
माह की 2, 3, 4, 5, 6, 12, 12, 14, 15, 22, 23, 24 व 28 तारीख श्रेष्ठ है।
अप्रैल– किसी मंदिर निर्माण में सहयोग दें। कोर्ट-कचहरी के मामले सुलझेंगे। कार्यक्षेत्र में उच्चाधिकारियों से कलह होगा। व्यायाम के प्रति रुचि बढ़ेगी। घर के बाहर भी कार्य का मौका मिलेगा। कार्यक्षेत्र में उत्साहजनक वृद्धि होगी एवं मांगलिक कार्यों में व्यस्तता बढ़ेगी। इष्ट मित्रों का सहयोग लाभ देगा एवं उनके साथ भ्रमण के योग बनेंगे।
माह की 1 से 5, 11 से 15 व 25 से 29 तारीख श्रेष्ठ रहेंगी।
मई — नाबालिग कन्या के पढाई में सहयोग करना श्रेष्ठ होगा। दिशाहीनता की ओर जाना आपको कष्ट देगा, अतः सावधान रहे क्योंकि आपकी बुद्धिमत्ता ही आपको लक्ष्य की ओर लेकर जायेगी। अटका हुआ धन आने से मन हर्षित होगा। कार्यक्षेत्र पर कार्य बढ़ेगा, परन्तु वह उन्नति भी देगा। आपकी कला ही आपको मान-सम्मान देगी। इष्ट-मित्रों से अनर्गल बहस न करें, अन्यथा संबंध नष्ट होंगे।
माह की 1, 2, 3, 5, 6, 8, 9, 10, 11, 12, 15, 18, 19, 20, 21, 23, 24, 27 व 30 तारीख शुभ होगी।
जून– विदेशी कंपनी से सहयोग प्राप्त हो सकता है। सामाजिक दायरा बढ़ेगा, भाग्य का मिश्रित फल मिलेगा। मांगलिक कार्यों में समय व्यतीत होगा। नवीन योजनाओं को अभी क्रियान्वित न करें। कार्यक्षेत्र में नई जिम्मेदारियों से मन प्रसन्न होगा, उनको आप सफलता में परिवर्तित करेंगे। कागजों पर हस्ताक्षर जाँचकर ही करें, अन्यथा फ्रॉड हो सकता है।
माह की 1, 2, 3, 10, 11, 12, 19, 20, 21, 28, 29 व 30 तारीख सर्वश्रेष्ठ है।
जुलाई- किसी बड़े का सहयोग लेकर मित्र से मन-मुटाव दूर करें। अचानक धनलाभ होगा एवं कार्यक्षेत्र की स्थिति में सुधार होगा। सम्पत्ति में आपका मनचाहा फैसला आयेगा। स्वास्थ्य में सुधार होगा तथा शत्रुओं को मित्र बनाने के प्रयास सफल होंगे। प्रशासन से लाभोचित सहयोग मिलेगा। कारोबारी यात्रा से लाभ होगा। विद्यार्थी वर्ग को मनोवांछित लाभ मिलेगा। माह की 4, 6, 9, 13, 15, 18, 22, 24 व 27 को किसी से मतभेद हो सकता है।
अगस्त — काम के लिए अत्यधिक श्रम करना पड़ सकता है। समय का तालमेल न बैठाने से कलह से ग्रस्त रहेंगे। आयात-निर्यात के व्यापारी सावधानी बरतें, अन्यथा हानि हो सकती है। मानसिक सुरक्षा से आत्मविश्वास बढ़ेगा और आप आत्मकेन्द्रित होंगे। परिवार को एकजुट करने के प्रयास सफल होंगे।
माह की 1, 8, 10, 17, 19, 26व 28 तारीख उत्तम।
सितम्बर — संतान प्राप्ति के योग हैं। यह माह विच्छेद का कारक भी है। कर्मचारियों को कमाई के अवसर अधिक मिलेंगे। विभागीय जाँच से आप निर्दोष साबित होंगे। महिलाओं से अनैतिक संबंध आपको कष्ट देंगे। कार्यक्षेद्ध की प्रतिद्वन्दिता चरम पर होगी। जगजाहिर होने से छवि खराब होगी। मांगलिक कार्यों के आयोजन में समय व्यतीत होगा।
माह की 1, 3, 10, 12, 19, 21 व 28 तारीख आपके लिए शुभ फलदायक हो सकता है।
अक्टूबर — घर में अतिथियों की गुप्त चर्चा व आवागमन रहेगा। मेहनत के अनुरूप फल नहीं मिलने से मन खिन्न होगा एवं शत्रुओं षड्यंत्रों में वृद्धिहोगी। आमदनी की कमी होगी। सहकर्मियों की तरक्की से मन व्यथित होगा। मन अस्थिर होने से कष्ट होगा। सास-बहू, ननद-भौजाई के रिश्तों में कटुता आयेगी। विद्याथी वर्ग को मनोवांछित लाभ होगा।
तारीख 4, 7, 13, 16, 22 व 25 शुभ नहीं है।
नवम्बर — माता-पिता के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। आर्थिक अनुकूलता से मन प्रसन्न होगा। मान-सम्मान व सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी। कार्यक्षेत्र में तरक्की होगी एवं परिवार में आपसी तालमेल सुखदा होगा।
माह की 1, 2, 3, 8, 9, 10, 11, 12, 17, 19, 20, 21, 23 व 28 तारीख शुभ है।
दिसंबर — यात्रा का योग। सामाजिक कार्यों से मन संतुष्ट होगा। ससुराल पक्ष से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। इष्टमित्रों से आपको अहमियत प्राप्त होगी। अभी कोई नया कार्य प्रारम्भ न करें, अन्यथा हानि होगी।
माह की 2, 3, 4, 5, 6, 12, 12, 14, 15, 22, 23, 24 व 28 श्रेष्ठ है।
जोतिर्विद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
9993874848