कोलकाता। पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती में धांधली के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। शुक्रवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) का ओएमआर (ऑपटिकल मॉर्क रिकॉग्नाइज) प्रकाशित करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने शुक्रवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। इस ओएमआर को शीघ्र दिखाने के निर्देश दिए। प्राथमिक शिक्षा बोर्ड ने यह भी कहा कि उन्हें कोर्ट के आदेश के अनुसार ओएमआर शीट दिखाने में कोई दिक्कत नहीं है। 2014 की टीईटी परीक्षा से पहले भी धांधली के कई मामले सामने आ चुके हैं।
उस सूची में इस बार एक और मामला जुड़ गया है। आरोप है कि शांतनु सीत नाम के एक उम्मीदवार की परीक्षा पूरी तरह रद्द कर दी गई। इसके बाद उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उनका कहना है कि उन्हें टेट के परिणामों पर संदेह है। शांतनु ने कोर्ट में जाकर मांग की कि टेट की ओएमआर सीट या उत्तर पुस्तिका दिखाई जाए। लेकिन नियमों के मुताबिक यह ओएमआर सीट नहीं दिखाई गई है। शांतनु के अलावा 26 अन्य ने भी कोर्ट में यही मांग की।
इस मामले के संदर्भ में शुक्रवार को न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने निर्देश दिया कि वादी को ओएमआर सीट दी जाए। यह पहला मौका है जब प्राथमिक बोर्ड को किसी मामले में ओएमआर सीट दिखाने का निर्देश दिया गया है। हालांकि बोर्ड को ओएमआर दिखाने में कोई आपत्ति नहीं है। प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य का दावा है कि नियुक्तियां पारदर्शिता के साथ की जा रही हैं। ओएमआर की एक प्रति उपयुक्त आवेदन के साथ स्पीड पोस्ट के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी।