कोलकाता। एक दिन पहले ही राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गंगासागर मेले का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने लोगों से कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने करने का निर्देश दिया था। वहीं, पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग की ओर से कुछ दिन पहले जारी गाइडलाइन में कहा गया था कि 12 डॉक्टरों की टीम को गंगासागर में नियुक्त किया जाएगा, इनमें 5 डॉक्टर कोरोना से संक्रमित हो गये हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग को कोरोना से प्रभावित चिकित्सा अधिकारियों की जगह मेले के लिए वैकल्पिक डॉक्टरों को तलाशने में मशक्कत करनी पड़ रही है।
इस बीच, सर्विस डॉक्टर्स फोरम के कोषाध्यक्ष डॉ स्पवन विश्वास ने कोरोना प्रभावित चिकित्सकों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों की आइसोलेशन अवधि निर्धारित करने तथा उन्हें पूर्ण रूप से स्वस्थ होने से पहले ज्वाइंन करने के लिए बाध्य करने को पूरी तरह से अवैज्ञानिक करार दिया है और इसका विरोध किया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कुछ दिन पहले जारी गाइडलाइन में कहा गया था कि 12 डॉक्टरों की टीम को गंगासागर में नियुक्त किया जाएगा। इन डॉक्टरों का चयन राज्य के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सा अधिकारियों में से किया गया था।
इसी तरह की सूची तैयार की गई थी, लेकिन अंतिम समय में सरकार की योजना फेल हो गयी। पिछले तीन दिनों में पांच चिकित्सा अधिकारी कोरोना से संक्रमित हुए हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने अभी से ही किसी ऐसे चिकित्सा अधिकारी की तलाश शुरू कर दी है जो स्वस्थ हो और उसे गंगासागर मेले में भेजा जा सके। लेकिन इस समय राज्य के स्वास्थ्य ढांचे में सबसे बड़ी समस्या यह है कि बंगाल में कई डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। नतीजतन, उस वैकल्पिक सूची को बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग का काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
इस बीच राज्य में कोरोना का ग्राफ काफी चिंताजनक है। दैनिक कोरोना संक्रमण अभी भी 20,000 से अधिक है। पॉजिटिविटी रेट 30.6 फीसदी है। हालांकि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गंगासागर मेला को कोरोना नियमों के अधीन जारी रखने की अनुमति दे दी है। लेकिन गंगासागर मेले में आने वाले कुछ तीर्थयात्रियों में अभी भी जागरूकता की कमी है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश संपति चट्टोपाध्याय बुधवार को गंगासागर में यह देखने गए कि गंगा में किस तरह नियमों का पालन किया जा रहा है। उन्होंने दोपहर में काकद्वीप अनुमंडल अस्पताल का भी दौरा किया और वहां की सभी स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। इसके अलावा उन्होंने गंगासागर में सागर प्रखंड अस्पताल के चिकित्सा सेवा ढांचे का भी निरीक्षण किया। शाम को उन्होंने कपिल मुनि के आश्रम में तैयारियों का जायजा भी लिया।