तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : विकास के नाम पर रेल यात्रियों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डालने के विरोध में मेचेदा रेलवे स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन के साथ ही स्टेशन मास्टर को ज्ञापन सौंपा गया। हाल ही में रेल मंत्रालय ने स्टेशन विकास शुल्क के नाम पर ट्रेनों के यात्री किराए में बढ़ोतरी की घोषणा की है। माना जा रहा है कि लगभग सभी यात्री विशेष रूप से लंबी दूरी के यात्रियों को यह अतिरिक्त किराया देने के लिए मजबूर किया जाएगा। उन्हें प्रति व्यक्ति 10 से 50 रुपये अधिक देना होगा। साथ ही प्लेटफॉर्म टिकट पर 10 रुपये का शुल्क भी लगाया जाएगा, इसके अलावा जीएसटी भी जोड़ा जाएगा। हालांकि, इस मामले में कहा गया है कि फिलहाल लोकल ट्रेनों के डेली और सीजन टिकट पर यह लेवी नहीं लगाई जा रही है और यह अतिरिक्त शुल्क तभी लगाया जाएगा, जब कोई यात्री विकास कार्य स्टेशन पर होगा।
लेकिन पिछले अनुभव इस गाइड के विस्तार की प्रतीक्षा कर रहे हैं। गौरतलब है कि कुछ महीने पहले घोषित राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन परियोजना में 400 स्टेशनों के आधुनिकीकरण की घोषणा की गई थी। आशंका जताई गई कि ऐसे में रेलवे बोर्ड की मौजूदा घोषणा को सभी तरह के यात्रियों पर लागू होने में देर नहीं लगेगी। आरोप है कि कॉरपोरेट घरानों की जेब भरने के लिए केंद्र सरकार लोगों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए एक के बाद एक निजीकरण के कदम उठा रही है। नागरिक प्रतिरोध मंच के दक्षिण पूर्व रेलवे की खड़गपुर मंडल समिति की ओर से आज मेचेदा स्टेशन पर धरना-प्रदर्शन किया गया और निर्णय के विरोध में स्टेशन मास्टर को ज्ञापन सौंपा।
दक्षिण पूर्व रेलवे, खड़गपुर मंडल समिति के अध्यक्ष मधुसूदन बेरा और नागरिक प्रतिरोध मंच के संयुक्त सचिव सरोज माईती ने विरोध रैली को संबोधित किया। विरोध सभा के अंत में सुब्रत दास के नेतृत्व में पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने स्टेशन प्रबंधक को ज्ञापन सौंपा। दूसरी ओर इसी मुद्दे पर नागरिक प्रतिरोध मंच की ओर से केंद्रीय रेल मंत्री को सामूहिक प्रार्थना पत्र प्रेषित किया गया। मंच के संयोजक पूर्व सांसद तरुण मंडल द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन में प्रस्तावों के साथ ही सरकार की आर्थिक व श्रम नीतियों का भी पुरजोर विरोध किया गया।