कोलकाता। बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को एक के बाद एक कई झटके लगे हैं। कई बड़े नातओं ने पार्टी का साथ छोड़ दिया और अपनी राह अलग कर ली। फरवरी 2019 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाले तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता शंकुदेव पांडा ने पश्चिम बंगाल भाजपा के सभी व्हाट्सएप ग्रुपों को यह कहते हुए छोड़ दिया कि राज्य युवा मोर्चा को पुनर्गठित किया जा रहा है। बता दें पांड इसके उपाध्यक्ष थे।
पांडा ने मीडिया को बताया, “नेतृत्व ने फैसला किया है कि 35 से अधिक उम्र के लोग युवा मोर्चा (युवा मोर्चा) में नहीं रहेंगे। मैंने उस उम्र को पार कर ली है। इसलिए, मैंने व्हाट्सएप ग्रुप छोड़ने का फैसला किया।” आपको बता दें कि पांडा को मुकुल रॉय ने भाजपा में शामिल किया था, जो कि पिछले साल जून में टीएमसी में वापस लौट चुके हैं।
पांडा ने यह कदम अभिनेता से नेता बने हिरणमय चट्टोपाध्याय के कुछ दिनों बाद उठाया है। चटोपाध्याय ने पिछले साल भाजपा के लिए खड़गपुर सदर विधानसभा सीट जीती थी। भगवा पार्टी के सभी व्हाट्सएप समूहों को छोड़ते हुए उन्होंने कहा था कि नेतृत्व द्वारा उनकी अनदेखी की जा रही है। चट्टोपाध्याय ने भी भगवा खेमे में शामिल होने से पहले टीएमसी युवा मोर्चा के लिए काम किया था।
बता दें कि 4 जनवरी को केंद्रीय राज्य मंत्री और मटुआ समुदाय के नेता शांतनु ठाकुर ने भी बंगाल भाजपा के व्हाट्सएप ग्रुपों को यह कहते हुए छोड़ दिया कि दिसंबर में राज्यव्यापी फेरबदल के दौरान गठित नई संगठनात्मक समितियों में मटुआ का ठीक से प्रतिनिधित्व नहीं किया गया था।