कोलकाता। पश्चिम बंगाल में जादवपुर विश्वविद्यालय के शिक्षकों के एक संघ ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ और शिक्षा मंत्री व्रात्य बसु को एक पत्र लिखकर संस्थान के कला और इंजीनियरिंग संकायों में डीन के रिक्त पदों को भरने के लिए तत्काल कदम उठाने का अनुरोध किया है। जादवपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जेयूटीए) ने यह भी कहा कि तुलनात्मक साहित्य और बांग्ला विभाग के लिए कुलाधिपति पद के लिए उम्मीदवार नहीं होने से शिक्षण गतिविधियों पर असर पड़ रहा है। जेयूटीए ने बसु और धनखड़ को अलग अलग भेजे गए एक पत्र में कहा,‘‘ लंबे समय से कला संकाय में और इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संकाय में कोई स्थाई डीन नहीं है।
इससे शिक्षण और प्रशासनिक गतिविधियों तथा कामकाज पर असर पड़ रहा है। जेयूटीए के महासचिव पार्थ प्रतिम रे ने कहा कि 2011 और 2012 में जादवपुर विश्वविद्यालय अधिनियम1981, में संशोधन के बाद अंतःविषय अध्ययन, कानून और प्रबंधन संकाय बनाया गया था और छात्रों को विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया गया था लेकिन एफआईएसएलएम डिग्री प्रदान नहीं कर सकता क्योंकि विश्वविद्यालय के विधान में अभी भी संशोधन नहीं किया गया है।
रे ने पत्र में कहा,‘‘ इससे इन संकयों में प्रवेश लेने वाले छात्रों को मुश्किलें आ सकती हैं। भविष्य में ऐसे छात्रों को उनकी डिग्रियों के साथ समस्या का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे हालात में हम आपसे या तो संशोधित विधान को मंजूरी देने या इन संकायों को बंद करने का अनुरोध करते हैं। हम अनिश्चितकाल तक के लिए इस तरह से अपने छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते।’’