मुंबई : एक अध्ययन से पता चला है कि बॉलीवुड फिल्मों में दो दशक से भी अधिक समय से फिल्मों में शराब और फास्ट फूड का अधिक सेवन दिखाया जा रहा है, जिससे बच्चों पर खासा प्रभाव पड़ रहा है। वैज्ञानिक पत्रिका पीएलओएस में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, वाइटल स्ट्रैटेजीज और इंपीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने अपने शोध में पाया कि बॉलीवुड फिल्मों में तम्बाकू, शराब और ब्रांडेड फास्ट-फूड को अधिक मात्रा में दिखाया जा रहा है, जिससे लोग और खासतौर से बच्चे प्रभावित हो रहे हैं।
ग्लोबल पॉलिसी एंड रिसर्च, पॉलिसी, एडवोकेसी एंड कम्युनिकेशन, वाइटल स्ट्रैटेजीज की उपाध्यक्ष डॉ. नंदिता मुरुकुटला ने कहा, “हमारे अध्ययन से पता चलता है कि बॉलीवुड फिल्में अपने दर्शकों, विशेष रूप से बच्चों में अस्वस्थ व्यवहार को बढ़ावा देने में योगदान दे रही हैं।” उन्होंने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि हमारे इस अध्ययन के माध्यम से फिल्मों में इस तरह के उत्पादों का उपयोग कम करने में मदद करेगा।”
इस अध्ययन को 1994-2013 की समय अवधि में 300 फिल्मों के आधार पर किया गया, जिसमें से 93 प्रतिशत फिल्मों में कम से कम एक बार शराब का सेवन दिखाया गया है। 70 प्रतिशत में तंबाकू सेवन और 21 प्रतिशत फिल्मों में ब्रांडेड फास्ट फूड को दिखाया गया है। तंबाकू उत्पादों का सेवन औसतन प्रति फिल्म चार बार, शराब सात बार और ब्रांडेड फास्ट फूड प्रति फिल्म 0.4 बार दिखाया गया है।
पिछले 20 सालों के दौरान तम्बाकू का उपयोग कम किया गया है, जबकि शराब और ब्रांडेड फास्ट फूड उत्पादों में काफी वृद्धि हुई है। दुनिया भर में नॉन कम्यूनिकेबल रोगों की संख्या में वृद्धि तंबाकू, शराब और अति-प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के सेवन से जुड़ी हुई है। शोधकर्ताओं के अनुसार, यह विश्लेषण फिल्म देखने वाले दर्शकों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए मजबूत नीतिगत उपायों को अपनाने के लिए साक्ष्य प्रस्तुत करता है।