नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी को आगे करने की रणनीति बनाई है। गोवा और बाकी अन्य चुनावी राज्यों में जहां ममता बनर्जी प्रचार के लिए पहुंचेंगी, प्रियंका गांधी को भी प्रचार में उतारा जायेगा। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस ने लगातार पार्टी के प्रसार की ऱफ्तार को धीमी करने और टीएमसी से मुकाबला करने के लिए के लिए ये रणनीति बनाई है। गौरतलब है कि लगातार कांग्रेस पार्टी के नेता टीएमसी में शामिल होते जा रहे हैं। फिलहाल कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की योजना है कि लगातार आलोचना करने का कोई भी मौका न छोड़ने वाली टीएमसी को सीधा जवाब देने के लिए प्रियंका गांधी को उत्तरप्रदेश के अलावा अन्य चुनावी राज्यों में प्रचार के लिए उतारा जाएगा। इसी सिलसिले में पिछले सप्ताह प्रियंका गांधी ने गोवा में पहला दौरा कर चुनावी अभियान की शुरूआत की थी।
हालांकि पिछले दिनों संसदीय रणनीतिक बैठक के बाद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड्गे ने कहा था कि कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल होने का धर्म निभाएगी। सदन में टीएमसी को भी साथ लेकर चलेगी। वहीं टीएमसी के शीर्ष नेताओं ने गांधी परिवार पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। जबकि कांग्रेस काफी हद तक पारस्परिक रूप से मितभाषी रही है। दरअसल कांग्रेस ये जानती है कि खराब चुनावी रिकॉर्ड के साथ वो टीएमसी के साथ मौखिक द्वंद्व में शामिल नहीं हो सकती है। इसलिए कांग्रेस सॉफ्ट नीति के तहत काम कर रही है। महिला मुख्यमंत्री को टक्कर देने के लिए कांग्रेस महिला महासचिव प्रियंका गांधी को चुनावी राज्यों में उतरेगी।
कांग्रेस को उम्मीद है कि प्रियंका की उग्र महिला समर्थक छवि उनकी पार्टी के पक्ष में एक एक्स फैक्टर के रूप में काम करेगी। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि उन्हें दुर्गा के रूप में दिखाने के लिए पोस्टर, लघु फिल्में आदि तैयार की जा रही है। प्रचार की नीति पर कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह एक लोकतांत्रिक देश है। कोई भी कहीं भी प्रचार कर सकता है। खास बात ये है कि कई मौकों पर ममता बनर्जी ने अक्सर कहा है कि प्रियंका उनके भाई राहुल गांधी, बेहतर राजनेता हैं जो भाजपा से लड़ सकते हैं।