नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि कृषि बजट को बढ़ाकर 1,23,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो पहले लगभग 21,000 करोड़ रुपये हुआ करता था। प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि सरकार फसल विविधीकरण योजना के तहत किसानों को प्रोत्साहन दे रही है और यह प्रोत्साहन बागवानी में भी दिया गया है। सरकार ने विभिन्न फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में भी वृद्धि की है और वह किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। आंध्र प्रदेश में फसल के नुकसान पर एक सवाल के जवाब में, उन्होंने यह भी कहा कि सरकार राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल बर्बाद होने पर किसानों को मुआवजा देती है।
चौधरी ने यह भी बताया कि पहले राज्य सरकार केंद्रीय सहायता के लिए केंद्र को ज्ञापन भेजती थी, लेकिन अब केंद्र प्राकृतिक आपदा आने पर जल्द ही प्रभावित क्षेत्रों में विशेषज्ञ टीम भेजता है और किसानों के लिए राज्य को सहायता जारी करता है। डीएमके सदस्य टी. आर. बालू की ओर से एसडीआरएफ में तमिलनाडु को केंद्रीय हिस्सा मुहैया कराने पर पूछे गए एक सवाल पर जवाब देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि केंद्र साल में दो बार एसडीआरएफ को फंड जारी करता है। इस योजना के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय 75 प्रतिशत देता है और 25 प्रतिशत राज्य द्वारा जोड़ा जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर एसडीआरएफ फंड अपर्याप्त लगता है तो केंद्र एसडीआरएफ को अतिरिक्त फंड देता है। तोमर ने यह भी आश्वासन दिया कि केंद्र द्वारा तमिलनाडु का बकाया जल्द ही जारी किया जाएगा।
कृषि राज्य मंत्री ने सदन को यह भी बताया कि सरकार ने फसल विविधीकरण के लिए एक योजना शुरू की है और वह किसानों को ऐसी फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित करती है, जिनमें कम पूंजी निवेश की आवश्यकता होती है। उन्होंने एक किलो धान की फसल के लिए 3,000 से 5,000 लीटर पानी की जरूरत बताते हुए कहा कि किसानों को अलग-अलग फसलों की खेती करने की सलाह दी जाती है और प्रोत्साहन भी दिया जाता है। एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए कि यदि कोई किसान जो कई वर्षों से धान या गेहूं की खेती कर रहा है, कई कारणों से नुकसान की आशंका में अन्य फसलों को लेकर संकोच कर सकता है, मंत्री ने कहा कि नुकसान की स्थिति में किसानों को फसल बीमा, एसडीआरएफ और अन्य योजनाओं के माध्यम से मुआवजा दिया जा सकता है।