Bengal: चुनाव बाद की हिंसा मामले में CBI ने दर्ज की दो और FIR

कोलकाता : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि रायना और बारासात में हत्या के मामले में दो प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसके अलावा चुनावी हिंसा में मारे गए भाजपा नेता अभिजीत सरकार के परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। CBI ने रायना में अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया है। वहीं बारासात में हत्या के प्रयास के सिलसिले में हत्या का मामला दर्ज की है। इसके अलावा कोलकाता में पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिए गए भाजपा नेता अभिजीत सरकार के भाई विश्वजीत सरकार की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वह कई बार सीबीआई दफ्तर आए हैं और अभिजीत की हत्या के संबंध में बयान दर्ज कराया है, जिसे लेकर उन्हें जान से मारने की धमकी मिल रही थी। उन्होंने अपनी सुरक्षा बढ़ाने की अर्जी सीबीआई के पास लगाई थी, जिसे तरजीह देते हुए उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि रायना और बारासात में हत्या के मामले में दो प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसके अलावा चुनावी हिंसा में मारे गए भाजपा नेता अभिजीत सरकार के परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सीबीआई के पत्र पर कोलकाता पुलिस ने उनकी सुरक्षा बढ़ाई है। उल्लेखनीय है कि कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हत्या और दुष्कर्म के मामलों की जांच सीबीआई कर रही है।

राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा की जांच तेजी से चल रही है। सीबीआई ने आरोपों के आधार पर जिलों में जांच शुरू कर दी है। पहले भी कई एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं, साथ ही गिरफ्तारी भी हो रही है। सीबीआई ने चुनाव के बाद हुई हिंसा में दुष्कर्म के प्रयास का मामला दर्ज किया है। मुर्शिदाबाद में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में मामला दर्ज किया गया था। भाटपाड़ा का भी सीबीआई के प्रतिनिधिमंडल ने दौरा किया है। मुर्शिदाबाद के नवग्राम थाना क्षेत्र के अनंतपुर गांव में नौ मई को कंडी थाने के भाटपाड़ा गांव निवासी नाबालिग के साथ कुछ बदमाशों ने दुष्कर्म किया था।

आरोप है कि लड़की जब अपने दोस्त के साथ साइकिल से घर लौट रही थी तो कुछ युवकों ने उसके साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया। नाबालिग की प्रेमिका ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। पता चला है कि नाबालिग एक स्थानीय स्कूल की 10वीं की छात्रा है। जिला पुलिस ने इससे पहले दुष्कर्म के आरोप में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था, लेकिन फिर आरोप लगाया गया कि पुलिस ने आगे कोई कार्रवाई नहीं की। यहां तक ​​कि उन तीनों बदमाशों को जमानत भी मिल गई। पीड़ित परिवार ने दावा किया कि बार-बार पुलिस के पास जाने के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ। बाद में परिवार ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इसी आरोप के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। अदालत ने सीबीआई को उन मामलों की जांच करने का निर्देश दिया था जिनकी जांच राज्य पुलिस ने चुनाव के बाद की हिंसा में नहीं की थी।

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