आज का राशिफल व पंचांग जानें, पं. मनोज कृष्ण शास्त्री, बनारस से

आज का राशिफल व पंचांग
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08 दिसम्बर, 2021, मंगलवार
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मेष : भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। साझेदारी में नवीन प्रस्ताव प्राप्त हो सकेंगे। शत्रु सक्रिय रहेंगे। गर्व-अहंकार को दूर करें। राजनीतिक व्यक्तियों से लाभकारी योग बनेंगे। मनोबल बढ़ने से तनाव कम होगा।

वृष : बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा सफल रहेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। जोखिम न लें। अपने व्यसनों पर नियंत्रण रखें। पत्नी के बतलाए रास्ते पर चलने से लाभ की संभावना बनती है। यात्रा से लाभ। वाहन-मशीनरी खरीदी के योग हैं। व्यवसाय में अड़चनें आएंगी।

मिथुन : फालतू खर्च होगा। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। विवाद को बढ़ावा न दें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। व्यावसायिक योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं हो पाएगा। परिवार की चिंता रहेगी। आय से व्यय अधिक होंगे। अजनबियों पर विश्वास से हानि हो सकती है।

कर्क : धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी के कार्य बनेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। चोट व रोग से बचें। कार्य-व्यवसाय में लाभ होने की संभावना है। दांपत्य जीवन में अनुकूलता रहेगी। सामाजिक समारोहों में भाग लेंगे। सुकर्मों के लाभकारी परिणाम मिलेंगे।

सिंह : प्रतिष्ठा बढ़ेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। यात्रा का शुभ योग होने के साथ ही कठिन कार्य में भी सफलता मिल सकेगी। रिश्तेदारों से संपत्ति संबंधी विवाद हो सकता है। व्यापार-नौकरी में लाभ होगा। पुराना रोग उभर सकता है। प्रयास सफल रहेंगे।

कन्या : पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। शुभ समाचार मिलेंगे। मान बढ़ेगा। प्रसन्नता रहेगी। मन में उत्साह रहेगा, जिससे कार्य की गति बढ़ेगी। आपके कार्यों को समाज में प्रशंसा मिलेगी। भागीदारी में आपके द्वारा लिए गए निर्णयों से लाभ होगा।

तुला : प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कानूनी अड़चन दूर होगी। भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य संबंधी समस्या हल हो सकेगी। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। अपनी वस्तुएँ संभालकर रखें। रुका धन मिलेगा। भ्रम की स्थिति बन सकती है।

वृश्चिक : जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। विवाद को बढ़ावा न दें। मितव्ययिता को ध्यान में रखें। कुटुंबियों से संबंध सुधरेंगे। शत्रुओं से सावधान रहें। व्यापार लाभप्रद रहेगा। खर्चों में कमी करें। सश्रम किए गए कार्य पूर्ण होंगे।

धनु : स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। अच्छे लोगों से भेंट होगी जो आपके हितचिंतक रहेंगे। योजनाएं फलीभूत होंगी। नौकरी में पदोन्नाति के योग हैं। आलस्य से बचकर रहें। परिवार की मदद मिलेगी।

मकर : रोजगार में वृद्धि होगी। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। अर्थ संबंधी कार्यों में सफलता से हर्ष होगा। सुखद भविष्य का स्वप्न साकार होगा। विचारों से सकारात्मकता बढ़ेगी। दुस्साहस न करें। व्यापार में इच्छित लाभ होगा।

कुंभ : नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। मान-सम्मान मिलेगा। नेत्र पीड़ा हो सकती है। अधिकारी वर्ग विशेष सहयोग नहीं करेंगे। ऋण लेना पड़ सकता है। यात्रा आज नहीं करें। परिवार के कार्यों को प्राथमिकता दें। आपकी बुद्धिमत्ता सामाजिक सम्मान दिलाएगी।

मीन : किसी के भरोसे न रहकर अपना कार्य स्वयं करें। महत्वपूर्ण कार्यों में हस्तक्षेप से नुकसान की आशंका है। परिवार में तनाव रहेगा। व्यापार-व्यवसाय मध्यम रहेगा। कष्ट, भय, चिंता व बेचैनी का माहौल बन सकता है। दु:खद समाचार मिल सकता है, धैर्य रखें।

।।​आज का पंचांग।।
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दिनाँक : 08/12/2021, बुधवार, पंचमी, शुक्ल पक्ष, मार्गशीर्ष
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(समाप्ति काल)
तिथि—–पंचमी 21:25:24 तक
पक्ष————————-शुक्ल
नक्षत्र———–श्रवण 22:38:50
योग—————ध्रुव 13:07:41
करण————–बव 10:27:50
करण———–बालव 21:25:24
वार————————बुधवार
माह———————-मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि——————–मकर
सूर्य राशि——————-वृश्चिक
ऋतु————————-हेमंत
आयन—————–दक्षिणायण
संवत्सर———————-प्लव
संवत्सर (उत्तर)————–आनंद
विक्रम संवत—————2078
विक्रम संवत (कर्तक)——-2078
शाका संवत—————-1943
सूर्योदय—————-06:58:48
सूर्यास्त——————17:23:29
दिन काल—————10:24:41
रात्री काल—————13:36:00
चंद्रोदय—————–10:57:56
चंद्रास्त—————— 21:47:41

लग्न—- वृश्चिक 22°0′, 232°0′
सूर्य नक्षत्र——————– ज्येष्ठा
चन्द्र नक्षत्र——————– श्रवण
नक्षत्र पाया——————–ताम्र

पद, चरण :
खू—- श्रवण 11:19:41
खे—- श्रवण 16:57:58
खो—- श्रवण 22:38:50
गा—- धनिष्ठा 28:22:22

ग्रह गोचर :
ग्रह = राशी, अंश, नक्षत्र, पद
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सूर्य = वृश्चिक 22:42 ‘ ज्येष्ठा , 2 या
चन्द्र = मकर 14°23 ‘ श्रवण , 2 खू
बुध = वृश्चिक 26°07 ‘ ज्येष्ठा ‘ 4 यू
शुक्र=धनु 29°55, उ oषा o ‘ 1 भे
मंगल = वृश्चिक 02°30 ‘ विशाखा ‘ 4 तो
गुरु = मकर 01°30 ‘ धनिष्ठा , 3 गु
शनि = मकर 14°43’ श्रवण ‘ 2 खू
राहू = (व) वृषभ 06°40’ कृतिका, 4 ए
केतु = (व) वृश्चिक 06°40 अनुराधा, 2 नी

राहू काल 12:11 – 13:29 अशुभ
यम घंटा 08:17 – 09:35 अशुभ
गुली काल 10:53 – 12:11 अशुभ
अभिजित 11:50 -12:32 अशुभ
दूर मुहूर्त 11:50 – 12:32 अशुभ

चोघडिया, दिन :
लाभ 06:59 – 08:17 शुभ
अमृत 08:17 – 09:35 शुभ
काल 09:35 – 10:53 अशुभ
शुभ 10:53 – 12:11 शुभ
रोग 12:11 – 13:29 अशुभ
उद्वेग 13:29 – 14:47 अशुभ
चर 14:47 – 16:05 शुभ
लाभ 16:05 – 17:23 शुभ

चोघडिया, रात :
उद्वेग 17:23 – 19:05 अशुभ
शुभ 19:05 – 20:47 शुभ
अमृत 20:47 – 22:29 शुभ
चर 22:29 – 24:11* शुभ
रोग 24:11* – 25:53* अशुभ
काल 25:53* – 27:35* अशुभ
लाभ 27:35* – 29:18* शुभ
उद्वेग 29:18* – 30:59* अशुभ

होरा, दिन :
बुध 06:59 – 07:51
चन्द्र 07:51 – 08:43
शनि 08:43 – 09:35
बृहस्पति 09:35 – 10:27
मंगल 10:27 – 11:19
सूर्य 11:19 – 12:11
शुक्र 12:11 – 13:03
बुध 13:03 – 13:55
चन्द्र 13:55 – 14:47
शनि 14:47 – 15:39
बृहस्पति 15:39 – 16:31
मंगल। 16:31 – 17:23

होरा, रात :
सूर्य 17:23 – 18:31
शुक्र 18:31 – 19:39
बुध 19:39 – 20:47
चन्द्र 20:47 – 21:55
शनि 21:55 – 23:03
बृहस्पति 23:03 – 24:11
मंगल 24:11* – 25:19
सूर्य 25:19* – 26:27
शुक्र 26:27* – 27:35
बुध 27:35* – 28:43
चन्द्र 28:43* – 29:52
शनि 29:52* – 30:59

उदयलग्न प्रवेशकाल :
वृश्चिक > 05:20 से 07:38 तक
धनु > 07:38 से 09:40 तक
मकर > 09:40 से 11:23 तक
कुम्भ > 11:23 से 12:52 तक
मीन > 12:52 से 14:18 तक
मेष > 14:18 से 16:54 तक
वृषभ > 16:54 से 18:06 तक
मिथुन > 18:06 से 20:04 तक
कर्क > 20:04 से 22:24 तक
सिंह > 22:24 से 00:36 तक
कन्या > 00:36 से 02:59 तक
तुला > 02:59 से 05,10

नोट — दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये, उद्वेगे थलगार।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे, लाभ में करो व्यापार॥
रोग में रोगी स्नान करे, काल करो भण्डार।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें।
लाभ में व्यापार करें।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें।

दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर
परिहार : आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो इलायची अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है।
इस मंत्र का उच्चारण करें :
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च।
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय:ll

अग्नि वास ज्ञान :
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत्।।

5 + 4 + 1 = 10 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है।

ग्रह मुख आहुति ज्ञान :
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य, बुध, शुक्र, शनि, चन्द्र, मंगल, गुरु, राहु केतु आहुति जानें। शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है।

बुध ग्रह मुखहुति :
शिव वास एवं फल :
5 + 5 + 5 = 15 ÷ 7 = 1 शेष
कैलाश वास = शुभ कारक

भद्रा वास एवं फल :
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें
जोतिर्विद दैवज्ञ
पंडित
मनोज कृष्ण शास्त्री
9993874848

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