कोलकाता : एशियन लिटरेरी सोसाइटी (एएलएस) एवं जर्नल ऑफ एशियन आर्ट, कल्चर एंड लिटरेचर (जेएएसीएल) ने 27 नवंबर 2021 को भाषा 2021 (बांग्ला) कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें भारत, बांग्लादेश, यूएई और यूएसए के बांग्ला साहित्यकार और कलाकार शामिल हुए। इस कार्यक्रम की शुरुआत मनोज कृष्णन (संस्थापक, एशियाई साहित्य समाज) के स्वागत भाषण से हुई। इसके बाद प्रो. अचिंत्य बिस्वास (मुख्य अतिथि और पूर्व वीसी, गौर बंग विश्वविद्यालय, मालदा, पश्चिम बंगाल और प्रो. अरुणोदय साहा (विशिष्ट अतिथि और प्रथम वीसी, त्रिपुरा केंद्रीय विश्वविद्यालय, अगरतला) के साथ एक लाइव सत्र हुआ। इसके पश्चात डॉ. बिशाखा सरमा और अनीता चंद (लेखिका एवं एएलएस प्रशासिका) ने टैगोर एवं बांग्ला साहित्य पर अपने विचार व्यक्त किए।
भाषा 2021 कार्यक्रम का एक आकर्षण अमृता चटर्जी, अद्रिजा सरकार, प्रियंका दास चौधरी, अंतरा पाल, बंदना दास, बैशाली डे, देबरुण नाथ, इंद्राणी चटर्जी, बोर्नाली मिसरो, पार्थ साहा, श्री ऋषिराज दास, सुश्री सोमा रॉय, सुपर्णा भट्टाचार्य, तनिष्ठा रॉय, कृष्णेंदु चटर्जी, अनुराधा डे, प्रियंका दास चौधरी, तनीषा चक्रवर्ती और सयानी पॉल द्वारा बांग्ला गीतों और नृत्यों की भावपूर्ण प्रस्तुति थी जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। एशियन लिटरेरी सोसाइटी द्वारा “बंगाल” विषय पर एक ऑनलाइन कला प्रदर्शनी भी आयोजित की गई थी जहाँ ऐश्वर्या श्रीरामदासु, डॉ. रैना पाल, अंतरा पाल, पूजा काबरा, निधि माथुर, पी.डी. जोनाकी, पारोमिता मुखर्जी ओझा, निमिशा सिंघल, रेखा अग्रवाल, पायल अग्रवाल, अंकुरिता खजांची, दीपिका सिंह, लता अदेसरा, माल्या सेठिया और मनोज कृष्णन की कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया।
इस कार्यक्रम में एक अन्य सत्र बांग्ला कविता पाठ और कथा वाचन का भी था जिसमें अमरनाथ श्रीरामदासु, डॉ. अपर्णा प्रधान, अरूप बंद्योपाध्याय, दीपंजन भट्टाचार्जी, इंद्राणी चटर्जी, नीति परती, पीडी जोनाकी, पियाली सिंघा रॉय, सयानी पॉल, सुमंत बनर्जी, सौम्यजीत मजूमदार, अनुरेखा बरकातोकी, अनुराधा डे और तुलसी दास शामिल हुए। भाषा 2021 में, “बांग्ला- भारतीय साहित्य और संस्कृति” विषय पर एक पैनल चर्चा भी आयोजित की गई जिसमें पैनलिस्ट प्रो. अवीक मजूमदार (कवि और संकाय, तुलनात्मक साहित्य, जेयू, कोलकाता), डॉ. इंद्रनील सान्याल (लेखक और पैथोलॉजिस्ट), देबज्योति भट्टाचार्य (लेखक और संस्थापक, जोयधक फाउंडेशन और लिबर्ज़), समरबिजॉय चक्रवर्ती (अध्यक्ष, सिलचर चैप्टर, बांग्ला साहित्य सभा, असम), और त्रिदेव चौधरी (स्तंभकार और कवि) ने दशकों के साथ कई रोचक तथ्य साझा किए।
एशियन लिटरेरी सोसाइटी ने इस उपलक्ष पर एक अंतर्राष्ट्रीय बांग्ला पोएट्री मीट का भी आयोजन किया जिसमें शम्स मोनोवर (बांग्लादेश), लोपा बनर्जी (यूएसए) एवं महानाज परवीन (बांग्लादेश) ने भाग लिया। भाषा 2021 का एक और आकर्षण “गोल्डन मेलोडीज ऑफ़ बंगाल” कार्यक्रम था जिसमें इंद्राणी चटर्जी, सरस्वती बसुराय, पूजा बोस और सुहिना बिस्वासमजुमदार ने अपने उत्कृष्ट संगीत प्रदर्शन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इन लाइव सत्रों का संचालन डॉ. बिशाखा शर्मा, निशा टंडन और मणि सक्सेना ने किया। कार्यक्रम का समापन सभी प्रतिभागियों – लेखकों, कवियों और सभी कलाकारों के अभिनंदन और धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। एएलएस की इस पहल को प्रतिभागियों के साथ-साथ दर्शकों के सदस्यों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली।