कोलकाता : भारत की बांग्लादेश के साथ कुल 4096 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा लगती है। इनमें सबसे ज्यादा 2216 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा बंगाल के साथ ही लगती है, जिसकी सुरक्षा का दायित्व बीएसएफ पर है। केंद्र सरकार द्वारा सीमा सुरक्षा बल के अधिकार क्षेत्र बढ़ाये जाने के लेकर राजनीति अभी भी नहीं थमी है। पंजाब सरकार के बाद अब पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की सरकार ने केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव लाने का ऐलान किया है। ज्ञातव्य है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है। ममता सरकार इसी सत्र के दौरान यह प्रस्ताव लाएगी। इसके पहले पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव लायी थी।
उल्लेखनीय है कि हाल में केंद्र सरकार ने बंगाल, पंजाब और असम में बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने संबंधित निर्देश जारी किया है। भारत की बांग्लादेश के साथ कुल 4096 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा लगती है। इनमें सबसे ज्यादा 2216 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा बंगाल के साथ ही लगती है, जिसकी सुरक्षा का दायित्व बीएसएफ पर है। केंद्र के इस कदम के विरोध में उतरी ममता सरकार अब इस फैसले के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव लाने जा रही है। राज्य के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि, आठ नवंबर को विधानसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में इस पर चर्चा होगी। इसके बाद विधानसभा के मौजूदा शीतकालीन सत्र में केंद्र के इस फैसले के खिलाफ प्रस्ताव लाया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने के फैसले को वापस लेने के लिए केंद्र पर दबाव बनाना चाहती है। इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस फैसले को वापस लेने की मांग कर चुकी हैं। ममता इसे राज्य के अधिकारों का ‘अतिक्रमण’ और देश के संघीय ढांचे पर हमला बता रही है। इससे पहले तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की संसदीय समिति के समक्ष भी यह मुद्दा उठाया था।
गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल में बंगाल, पंजाब और असम में बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर कर दिया है। 11 अक्टूबर को इसकी अधिसूचना जारी की गई थी। नए नियम के तहत अब बीएसएफ को संबंधित सीमावर्ती राज्यों में बिना राज्य सरकार की अनुमति के अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर तक के बड़े क्षेत्र में तलाशी लेने, जब्ती करने और गिरफ्तार करने की शक्ति मिल गई है। वहीं राज्य सरकार का कहना है कि यह फैसला पुलिस और कानून व्यवस्था के मामले में राज्य के अधिकारों के विपरीत है।