नयी दिल्ली। भारत एवं आसियान के बीच साझीदारी के 30 वीं वर्षगांठ के अवसर पर वर्ष 2022 को भारत आसियान मित्रता वर्ष के रूप में मनाया जाएगा।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत आसियान शिखर सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए यह घोषणा की। कोविड महामारी के कारण लगातार दूसरे वर्ष भी भारत आसियान शिखर सम्मेलन वर्चुअल माध्यम से आयोजित किया गया। इसकी अध्यक्षता आसियान के अध्यक्ष ब्रूनेई के सुल्तान हसनल बोल्किया ने की।
मोदी ने कहा कि कोविड महामारी के बावजूद हम आसियान भारत शिखर सम्मेलन को वर्चुअल रूप में ही सही, इस परंपरा को बरकरार रखने में कामयाब रहे हैं। यह सही है कि महामारी के कारण हम सभी को अनेक चुनौतियों से जूझना पड़ा लेकिन यह चुनौतीपूर्ण समय भारत-आसियान मित्रता की कसौटी भी रहा। कोविड के काल में हमारा आपसी सहयोग, आपसी संवेदना, भविष्य में हमारे संबंधों को बल देते रहेंगे, हमारे लोगों के बीच सद्भावना का आधार रहेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इतिहास गवाह है कि भारत और आसियान के बीच हजारों साल से जीवंत संबंध रहे हैं। इनकी झलक हमारे साझा मूल्य, परम्पराएँ, भाषाएँ, ग्रन्थ, वास्तुकला, संस्कृति, खान-पान, हर जगह पर दिखते हैं। और इसलिए, आसियान की एकता और केन्द्रीयता भारत के लिए सदैव एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता रही है। आसियान की यह विशेष भूमिका, भारत की एक्ट ईस्ट नीति जो हमारी क्षेत्र में सभी की सुरक्षा एवं प्रगति यानी ‘सागर’ नीति – में निहित है।
भारत के हिन्द प्रशांत महासागरीय पहल और आसियान के हिन्द प्रशांत के प्रति दृष्टिकोण, इस क्षेत्र में हमारे साझा विज़न और आपसी सहयोग का ढांचा हैं। मोदी ने कहा, “वर्ष 2022 में हमारी साझीदारी के 30 वर्ष पूरे होंगे। भारत भी अपनी आज़ादी के पचहत्तर वर्ष पूरे करेगा। मुझे बहुत हर्ष है कि इस महत्वपूर्ण पड़ाव को हम ‘आसियान-भारत मित्रता वर्ष’ के रूप में मनाएंगे। भारत आगामी अध्यक्ष कंबोडिया और हमारे कंट्री समन्वयक सिंगापुर के साथ मिलकर संबंधों को और गहन बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।