‘कांग्रेस, वाममोर्चा को वोट करना नोटा का बटन दबाने जैसा है’, अभिषेक बनर्जी ने दोनो दलों पर साधा निशाना

कोलकाता: अभिषेक बनर्जी ने दावा किया कि भाजपा केंद्रीय एजेंसियों की मदद से उनके खिलाफ आवाज उठाने वाले किसी भी व्यक्ति को ‘‘परेशान’’ करती है, लेकिन ‘‘वह तृणमूल कांग्रेस को चुप नहीं करा सकती है।
‘कांग्रेस, वाममोर्चा को वोट करना नोटा का बटन दबाने जैसा है’, अभिषेक बनर्जी ने दोनो ही दलों पर साधा निशाना।

तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने शनिवार को दावा किया कि कांग्रेस और वाममोर्चा के लिए मतदान करना, किसी भी तरह से नोटा बटन को चुनने से अलग नहीं होगा। उन्होंने 30 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल की चार विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के मद्देनजर दक्षिण 24 परगना के गोसाबा में एक रैली को संबोधित करते हुए राज्य की चार विधानसभा सीटों में से दो पर ‘‘उपचुनाव थोपने’’के लिए भारतीय जनता पार्टी की आलोचना की।

उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों की मौत के बाद यहां और खरदह में उपचुनाव जरूरी था, लेकिन जिन परिस्थितियों में शांतिपुर और दिनहाटा में चुनाव हो रहे हैं, वे अलग हैं। उन्होंने दावा किया, ‘‘भाजपा के जीते हुए उम्मीदवारों जगन्नाथ सरकार (शांतिपुर) और निसिथ प्रमाणिक (दिनहाटा) ने लोगों द्वारा चुने जाने के बाद भी विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने लोगों के फैसले का अपमान किया। भाजपा उन दो सीटों पर फिर से वोट मांग रही है। उन्हें लोगों द्वारा खारिज कर दिया जाएगा।’’

अभिषेक ने यह भी दावा किया कि उनकी पार्टी उपचुनावों में 4-0 से जीत दर्ज करेगी। कांग्रेस और वाम दलों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि दोनों दलों ने तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी को चुनाव जीतने से रोकने के उद्देश्य से गठबंधन किया था। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले सात वर्षों में, कांग्रेस पूरे देश में भाजपा से केवल हारी है, जबकि ममता बनर्जी ने सांप्रदायिक और अलोकतांत्रिक भाजपा द्वारा पेश की गई सभी चुनौतियों को विफल कर दिया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वाम दलों और कांग्रेस ने आईएसएफ के साथ भी गठबंधन किया था, लेकिन बंगाल के मतदाताओं ने ममता बनर्जी को चुना। उनके (वामपंथी और कांग्रेस) लिए मतदान नोटा बटन दबाने के समान है।’’

अभिषेक बनर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख कश्मीर से कन्याकुमारी तक निर्विवाद नेता के रूप में उभर रही हैं, जो अगले आम चुनाव में मोदी-शाह (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह) शासन से लड़ने और उसे हराने के लिए आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी पार्टी पूरे देश में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही है। इसने शीर्ष चार से पांच राष्ट्रीय दलों में अपनी जगह बनाई है। हम अब से कुछ महीनों में गोवा में विधानसभा चुनाव जीतेंगे। हम 2023 में त्रिपुरा में बिप्लब देब सरकार को हटा देंगे।’’

त्रिपुरा में बिप्लब देब सरकार को उनकी पार्टी के सदस्यों पर हमले के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए, बनर्जी ने कहा कि राज्यसभा सदस्य सुष्मिता देव पर शुक्रवार को भाजपा द्वारा “राज्य में हमला” किया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘क्या लोकतंत्र में ऐसा होना चाहिए? हम उनके आगे नहीं झुकेंगे। हम ममता बनर्जी की तस्वीर लेकर त्रिपुरा से भाजपा को खदेड़ देंगे।’’

अभिषेक ने दावा किया कि भाजपा केंद्रीय एजेंसियों की मदद से उनके खिलाफ आवाज उठाने वाले किसी भी व्यक्ति को ‘‘परेशान’’ करती है, लेकिन ‘‘वह तृणमूल कांग्रेस को चुप नहीं करा सकती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कई बार बुलाया गया, नौ घंटे तक पूछताछ की गई। आप मुझसे घंटों तक पूछताछ कर सकते हैं, लेकिन यह मुझे आपके नेताओं के खिलाफ बोलने से नहीं रोक पायेगा। अगर आप मेरा गला काटते हैं, तो भी मैं ‘जय हिंद’, ‘जय बांग्ला’ चिल्लाऊंगा, सच्चाई मेरी तरफ है।’’

केन्द्रीय गृह मंत्री शाह पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कुछ महीने पहले विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रचार अभियान के दौरान सुंदरबन के विकास के लिए दो लाख करोड़ रुपये देने और एक अलग जिला बनाने का वादा किया था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वे अभी भी दिल्ली में सत्ता पर काबिज हैं, लेकिन आपने उनसे किसी भी आगे की पहल के बारे में नहीं सुना होगा।’’

डायमंड हार्बर से सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसके विपरीत, ‘‘अपने वादों को निभाया और लक्ष्मी भंडार जैसी योजनाओं को शुरू किया।’’ कोविड-19 रोधी टीके की 100 करोड़ खुराक लगाये जाने संबंधी उपलब्धि को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि BJP के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढोतरी के साथ ‘‘दोहरे शतक लगाए’’ हैं।

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