कोलकाता। सूत्रों के मुताबिक दुर्गा पूजा के बाद बंगाल में स्कूलों को खोलने की तैयारी ममता सरकार ने शुरू कर दी है! जिससे कोरोना संक्रमण के बाद डेढ़ साल से बंद स्कूलों के खुलने की संभावनाएं बढ़ गई हैं, हालांकि ममता बनर्जी ने पहले ही इसका संकेत दिया था और अब राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने विभिन्न जिलों में क्षतिग्रस्त सरकारी स्कूलों की मरम्मत के लिए 109 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है।
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दुर्गा पूजा और भाई दूज के बाद कोरोना महामारी के कारण बंद स्कूलों को खोलने का ऐलान किया है, हालांकि यह कोरोना संक्रमण की दर पर निर्भर है। स्कूल खोलने की औपचारिक रूप से अभी घोषणा नहीं हुई है, लेकिन पश्चिम बंगाल के शिक्षा विभाग के मुख्यालय बिकास भवन ने स्कूल खोलने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने विभिन्न जिलों में क्षतिग्रस्त स्कूलों की मरम्मत के लिए 109 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है।
इससे पहले बिकास भवन ने लॉकडाउन और अम्फान में क्षतिग्रस्त स्कूलों का सर्वेक्षण किया था। बिकास भवन ने जिलाधिकारियों को पत्र दिया था। कोरोना में लगभग दो साल से सभी स्कूल बंद हैं। बिकास भवन ने जिलाधिकारियों से कहा था कि स्कूल की मरम्मत पर कितना खर्च आएगा, इसकी सूची भिजवाएं। इसे जमा करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर थी। बिकास भवन को सूची पहले ही मिल चुकी है। अब इस बाबत अगला कदम उठाया गया है।
चक्रवाती तूफान अम्फान,यास और कोविड के कारण गांवों में कई स्कूल भवनों को नुकसान पहुंचा है। आंधी के कारण कुछ स्कूलों के दरवाजे और खिड़कियां टूट गई हैं। कहीं इमारत में दरारें आ गई हैं। स्कूल खुलने के बाद किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए प्रशासन ने यह कदम उठाया है। राज्य में कोरोना की स्थिति लगभग काबू में है। संक्रमण घटकर 1 फीसदी पर आ गया है। हालांकि, इस तरह से यह कहना संभव नहीं है कि कल क्या होगा, भले ही आज सही हो।
अगस्त माह में स्कूल खुलने को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि “पूजा के बाद राज्य में स्कूल खुलेंगे। इसकी घोषणा पहले ही की जा चुकी है। पूरे स्कूल को सैनिटाइज किया जाएगा, फिर इसे खोला जाएगा। लेकिन यह तब होगा जब तीसरी लहर नहीं आएगी या तीसरी लहर भयानक नहीं हो। यह स्थिति पर निर्भर करेगा। अभी बंगाल में स्थिति ठीक है। 1 प्रतिशत के आसपास संक्रमण है। लेकिन हम चाहते हैं कि हर कोई अच्छा रहे, लेकिन महाराष्ट्र, केरल में जिस तरह से संक्रमण दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है।
कल क्या होगा, पता नहीं।” गृह मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) की ओर से पिछले महीने पीएमओ को एक रिपोर्ट सौंपी गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर में कोरोना की तीसरी लहर अपने चरम पर पहुंच सकती है। बच्चों में संक्रमण के खतरे की भी चेतावनी दी गई है। देश के कई राज्यों में पहले से ही संक्रमण का ग्राफ ऊपर की ओर है। ऐसे में स्कूल खोलने को लेकर संशय बना हुआ है।