कोलकाता। कोलकाता हाई कोर्ट द्वारा आदेश पारित करने के बाद नारदा केस की जांच कर रही सीबीआई टीम आज पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष के सामने पेश हुई। विधानसभा अध्यक्ष बिमान बोस ने ईडी और सीबीआई दोनों को समन जारी करते हुए पेश होने को कहा था। वहीं, ईडी ने आज कलकत्ता हाई कोर्ट में स्पीकर के समन के खिलाफ अपील की। विधानसभा अध्यक्ष ने दोनों जांच एजेसिंयों के अधिकारियों को यह समन इसलिए भेजा था क्योंकि अधिकारियों ने निर्वाचित सदस्यों पर कार्रवाई से पहले विधानसभा अध्यक्ष से इजाजत नहीं ली थी।
पश्चिम बंगाल में टीएमसी की सरकार बनते ही उनके मंत्रियों के खिलाफ सीबीआई ने कार्रवाई शुरू कर दी थी। नारदा मामले में मई में तृणमूल कांग्रेस के चार मंत्रियों फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और पूर्व मेयर सोवन चटर्जी को गिरफ्तार किया गया था। इस गिरफ्तारी का ममता बनर्जी ने भी कड़ा विरोध जताया था।
साल 2016 में बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले नारदा स्टिंग टेप का खुलासा किया गया था। ऐसा दावा किया गया था कि ये टेप साल 2014 में रिकॉर्ड किए गए थे। इसमें टीएमसी के मंत्री, सांसद और विधायक और कोलकाता के मेयर को कथित रूप से एक काल्पनिक कंपनी के प्रतिनिधियों से रकम लेते दिखाया गया था। यह स्टिंग ऑपरेशन नारदा न्यूज पोर्टल के सीईओ मैथ्यू सैमुअल ने किया था। साल 2017 में कलकत्ता हाईकोर्ट ने इन टेप की जांच का आदेश सीबीआई को दिया था।