New Delhi: दिल्ली के अकीला रेस्टोरेंट में साड़ी पहनी हुई महिला को प्रवेश की अनुमति न देने पर विवाद शुरू होने के बाद दक्षिणी निगम ने फैसला लिया गया है कि यदि अब से किसी होटल-रेस्टोरेंट ने महिलाओं को साड़ी पहनकर अपने यहां आने से रोका तो उनको पांच लाख रुपये जुर्माना भरना पड़ेगा। रेस्टोरेंट मालिक को दूसरा बड़ा झटका यह लगा है कि उसके पास वैध हेल्थ ट्रेड लाइसेंस नहीं होने के कारण रेस्टोरेंट बंद करना पड़ा है।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम द्वारा रेस्टोरेंट की जब रिकॉर्ड खंगाले गए तो तो पता लगा कि रेस्टोरेंट के पास वैध लाइसेंस नहीं है, जिसके कारण उसे बंद करने का क्लोजर नोटिस जारी कर दिया गया।
इसके बाद अकीला रेस्टोरेंट की ओर से कुणाल छाबड़ा ने यह कुबूल किया है कि उनके पास रेस्टोरेंट चलाने के लिए जरूरी लाइसेंस नहीं है। वहीं जब तक उन्हें लाइसेंस नहीं मिल जाता, तब तक वह इसे बंद रखेंगे।
हालांकि हेल्थ लाइसेंस के लिए उन्होंने आवेदन कर दिया है, इसके अलावा उन पर यह भी आरोप लगा है कि रेस्टोरेंट कागजों में सील था, इसके बावजूद वह बिना डी-सीलिंग के यह संचालित कर रहे थे।
कुणाल छाबड़ा ने एसडीएमसी को एक एफिडेविट भी जमा कराया है। यह क्लोजर नोटिस निगम के हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से दिया गया था।
दरअसल, कांग्रेस दल के नेता अभिषेक दत्त ने यह मुद्दा उठाते हुए यह प्रस्ताव डाला था जिसके बाद बुधवार को दक्षिणी निगम की सदन की बैठक में भाजपा सहित आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पार्षदों ने भी सर्वसम्मति से इस बात पर सहमति जताई कि साड़ी भारतीय पारंपरिक परिधान है।
भारतीय संस्कृति में साड़ी का अपना एक पवित्र व धार्मिक महत्व है। किसी महिला को कोई भी, किसी भी जगह पर साड़ी पहनने से नहीं रोक सकता।
कुछ दिन पहले एक महिला अकीला रेस्टोरेंट में पहुंची थी, जिन्हें सिर्फ इसलिए होटल के अंदर आने के लिए रोक दिया गया था, क्योंकि वह साड़ी पहनी हुई थी।
मामले के सामने आने के बाद यह विवाद खड़ा हुआ और होटल के प्रति सोशल मीडिया पर लोगों ने आक्रोश व्यक्त किया था।