Kolkata: कोलकाता उच्च न्यायालय ने भवानीपुर विधानसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव पर रोक लगाने से मंगलवार को इनकार कर दिया, जहां से तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी अपना मुख्यमंत्री पद बरकरार रखने के लिए चुनाव लड़ रही हैं।कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज ने मामले पर दो दिन तक सुनवाई करने के बाद लोगों से खचाखच भरी अदालत में अपना फैसला सुनाया।
भवानीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराये जाने के लिए निर्वाचन आयोग की ओर से ‘संवैधानिक अनिवार्यता’ का तर्क दिये जाने पर सवाल उठाते हुए कोलकाता उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गयी थी, जिसके बाद से मामले पर सुनवाई की जा रही थी।
उल्लेखनीय है कि भवानीपुर में उपचुनाव कराने को लेकर चुनाव आयोग के फैसले और मुख्य सचिव द्वारा संवैधानिक संकट उत्पन्न होने से संबंधित पत्र दिए जाने के खिलाफ कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। मंगलवार को अदालत में इस पर सुनवाई हुई। अदालत ने भवानीपुर उपचुनाव पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
भवानीपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में दायर याचिका खारिज हो गई है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने उपचुनाव कराने की सहमति दे दी है। इससे भवानीपुर से चुनाव लड़ रहीं ममता बनर्जी ने राहत की सांस ली है। हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने चुनाव पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दी है। दूसरी ओर, चुनाव आयोग ने मतदान की पूरी तैयारी कर ली है अतः 30 अक्तूबर को मतदान होंगे। मतदान के दौरान भवानीपुर में 15 कंपनी केंद्रीय बल की तैनाती की जाएगी।
चुनाव आयोग के अनुसार तीन विधानसभा क्षेत्रों में कुल 52 कंपनी केंद्रीय दोनों की तैनाती हुई है। जिनमें से अकेले भवानीपुर में 15 कंपनी केंद्रीय बलों की तैनाती होगी जबकि 18 कंपनियों को जंगीपुर में और 19 कंपनियों को शमशेरगंज में तैनात किया जाएगा। भवानीपुर में आठ वार्डों में कुल 287 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
भवानीपुर विधानसभा सीट पर 30 सितंबर को होने जा रहे उपचुनाव को लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर कलकत्ता उच्च न्यायालय के कार्यवाहक उच्च न्यायाधीश राजेश बिंदल की खंडपीठ ने गुरुवार को सुनवाई करते हुए इस मामले पर चुनाव आयोग को त्वरित हलफनामा समन किया था। गौरतलब है कि बंगाल में कोरोना की स्थिति में सुधार हुआ है। ऐसे में तृणमूल ने उपचुनाव की मांग को लेकर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था।
मुख्य सचिव ने भी इस बाबत आयोग को पत्र लिखा था। उसके बाद आयोग ने मुर्शिदाबाद की दो विधानसभा सीटों जंगीपुर और शमशेरगंज में चुनाव और कोलकाता की भवानीपुर सीट पर उपचुनाव की तारीख की घोषणा की थी। उपचुनाव को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। सायन बनर्जी नामक अधिवक्ता ने जनहित याचिका दायर की थी।
तृणमूल के उम्मीदवार के तौर पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं। इसके पहले अप्रैल-मई महीने में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के दौरान वह नंदीग्राम से हार गई थीं। बावजूद इसके मुख्यमंत्री बनी हैं, इसलिए उन्हें भवानीपुर से जीतना जरूरी है नहीं तो उनकी मुख्यमंत्री की कुर्सी चली जाएगी। भाजपा ने उनके खिलाफ हाईकोर्ट की अधिवक्ता प्रियंका टिबरेवाल को उम्मीदवार बनाया है, जबकि माकपा ने भी अधिवक्ता श्रीजीव विश्वास को मैदान में उतारा है।
तीनों पार्टियों ने जमकर प्रचार किया है लेकिन मुख्य मुकाबला तृणमूल और भाजपा के बीच माना जा रहा है। ममता बनर्जी ने खुद भवानीपुर में जनसभाएं कर लोगों से वोट देने की अपील की है। उन्होंने भावनात्मक अपील करते हुए कहा है कि इस बार अगर वह नहीं जीती तो लोग उन्हें फिर नहीं देख पाएंगे।
इधर भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, स्मृति ईरानी और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा प्रचार कर चुके हैं। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष, वर्तमान अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो, अर्जुन सिंह और शुभेंदु अधिकारी जैसे बड़े नेताओं ने उनके पक्ष में घर-घर घूमकर वोट मांगा है।
चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सोमवार को भाजपा और तृणमूल कार्यकर्ताओं में टकराव भी हुआ तथा भाजपा सांसद दिलीप घोष और अर्जुन सिंह पर कथित तौर पर तृणमूल कार्यकर्ताओं ने हमले की कोशिश भी की। उनके साथ बदसलूकी भी की गई है। अब प्रचार का शोर थम गया है और सभी पार्टियां मतदान के इंतजार में हैं। भारतीय जनता पार्टी ने भवानीपुर समेत राज्य की अन्य सीटों पर चुनाव के दौरान राज्य पुलिस को सुरक्षा व्यवस्था से दूर रखने की मांग की है और केवल केंद्रीय बलों की तैनाती की गुजारिश की है।