कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने शुक्रवार को पूर्व सांसद अर्पिता घोष को पार्टी की प्रदेश इकाई का महासचिव नियुक्त किया। इससे दो दिन पहले ही राज्यसभा के सभापति ने उच्च सदन से उनका इस्तीफा स्वीकार किया था। टीएमसी की राज्य इकाई के अध्यक्ष सुब्रत बख्शी ने घोष को लिखे पत्र में यह घोषणा की। उन्होंने गुरुवार को जोर देकर कहा था कि राज्यसभा सदस्य के रूप में इस्तीफा देने का फैसला पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ विचार-विमर्श करने के बाद लिया गया था, और यह उन पर थोपा नहीं गया था।
रंगमंच से जुड़ी रहीं घोष पूर्व में लोकसभा सदस्य भी रह चुकी हैं। उन्होंने कहा कि उच्च सदन का सदस्य होने और निचले सदन का सदस्य होने में अंतर है। घोष ने कहा था, “जब मैं राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुई कोविड-19 महामारी शुरू हो गई और एक सांसद के तौर पर मुझे ज्यादा कुछ करने का अवसर नहीं मिला। मुझे लगता है कि मैं अब संगठनात्मक मामलों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करूंगी।
अपने जुनून – रंगमंच के लिए और अधिक समय समर्पित करूंगी – अगर मैं यहां (पश्चिम बंगाल) रहती हूं।” उच्च सदन के सभापति और उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को उनका इस्तीफा स्वीकार किया था। बालुरघाट संसदीय सीट से 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान हार का सामना करने वाली घोष को मार्च 2020 में राज्यसभा के लिये चुना गया था।