कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक अंतरिम आदेश में शुक्रवार को निर्देश दिया कि विश्वभारती में सामान्य कामकाज बहाल किया जाए और संस्थान के 50 मीटर के दायरे में कहीं भी कोई प्रदर्शन नहीं हो।अदालत का यह निर्देश तीन छात्रों को निष्कासित किए जाने को लेकर कुलपति के आवास के बाहर प्रदर्शन के सातवें दिन में प्रवेश करने के बीच आया है। न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने पुलिस को कुलपति विद्युत चक्रवर्ती के सरकारी आवास के पास सभी प्रदर्शनों, बैनरों और बैरिकेड को तुरंत हटाने का निर्देश दिया।
अदालत ने कहा कि किसी भी छात्र या व्यक्ति द्वारा विश्वविद्यालय से 50 मीटर के दायरे में कोई प्रदर्शन नहीं किया जाएगा। केंद्रीय विश्वविद्यालय और उसके कुलपति चक्रवर्ती ने बुधवार को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हुए पुलिस को घेराव हटाने का आदेश देने का अनुरोध किया था। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि कुलपति आवास की 27 अगस्त की शाम से घेराबंदी की जा रही है और तीन छात्रों को कथित कदाचार को लेकर तीन साल के लिए निष्कासित किया गया है।
न्यायमूर्ति मंथा ने कहा कि अदालत आठ सितंबर को तीनों छात्रों की शिकायतों पर सुनवाई करेगी। अदालत ने पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि किसी भी बाहरी व्यक्ति को विश्वविद्यालय में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाए। अदालत ने बीरभूम जिले के पुलिस अधीक्षक को आदेश का पालन सुनिश्चित करने को कहा। अदालत ने शांतिनिकेतन थाने को कुलपति की सुरक्षा के लिए तीन कांस्टेबल तैनात करने को कहा।
इसके साथ ही अदालत ने शांतिनिकेतन थाने के प्रभारी से कहा कि प्रशासनिक भवन सहित विश्वविद्यालय के किसी भी हिस्से में छात्रों द्वारा लगाए गए तालों को तोड़ दिया जाए और परिसर संबंधित अधिकारियों को सौंप दिया जाए। अदालत ने निर्देश दिया कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित प्रतिष्ठित केंद्रीय विश्वविद्यालय के परिसर में लाउडस्पीकर का उपयोग नहीं किया जा सकता।