Kolkata Desk : पश्चिम बंगाल सरकार ने सहानुभूति पूर्ण रवैया अपनाते हुए उच्च माध्यमिक के सभी परिक्षार्थीयों को पास कर दिया। WBHS में समीक्षा के लिए 14,200 आवेदन आए थे। संशोधन के बाद पास होने की दर करीब सौ फीसदी है। उच्च माध्यमिक के नतीजे आने के बाद से राज्य के अलग-अलग हिस्सों में छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
स्कूलों पर कहीं कम अंक देने और कुछ में फेल होने का आरोप लगाया जा रहा है। समस्या के समाधान के लिए उन छात्रों के परिणाम की समीक्षा कर उच्च माध्यमिक शिक्षा संसद ने उन सभी को पास कर दिया।उच्च माध्यमिक शिक्षा संसद के अध्यक्ष महुआ दास ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि समीक्षा के लिए 14,200 आवेदन प्राप्त हुए थे।
रिजल्ट में सुधार के बाद सभी पास हो गए। नतीजतन, पास दर लगभग एक सौ प्रतिशत रही। सरकार ने सहानुभूति के साथ विचार करने को कहा। हमारी सरकार मानवीय है। इसलिए कोविड की स्थिति को देखते हुए सभी को पास कर दिया गया है। नामांकन नहीं करने वालों को छोड़कर सभी पास हो गए हैं।
महुआ दास ने कहा कि हमने मार्च, जून और जुलाई में परीक्षा कार्यक्रम बनाया था। लेकिन हालात को देखते हुए 7 जून को होने वाली हायर सेकेंडरी परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया गया था। फिर सवाल यह उठता है कि विकल्प के रूप में परीक्षा का मूल्यांकन किस तरीके से किया जाए। विशेषज्ञ समिति और रायविचार के आधार पर माध्यमिक के 40 प्रतिशत और ग्यारहवीं में प्राप्त अंकों के आधार पर उच्च माध्यमिक का रिजल्ट बनाया गया। रिजल्ट की जानकारी 18 जून को दे दी गई।
स्कूलों को 18 से 28 जून तक छात्रों के नंबर जमा करने को कहा गया। 28 जून के बाद देखा गया कि कई स्कूलों के नतीजे अधूरे और त्रुटिपूर्ण हैं। रिजल्ट 22 जुलाई को घोषित कर दिए गए। उस समय बात दिया गया था कि स्कूलों द्वारा छात्रों के भेजे गए अंकों के आधार पर रिजल्ट जारी किया जा रहा है।
इसमें यह भी कहा गया है कि अगर स्कूल द्वारा भेजे गए नंबर और प्राप्त नंबर में कोई विसंगति है तो समीक्षा के लिए आवेदन किया जा सकता है। शिक्षा संसद तत्काल कार्रवाई करेगी। समीक्षा का समय 22 जुलाई से 26 जुलाई तक दिया गया था। बाद में इसे बढ़ाकर 30 जुलाई कर दिया गया। साथ ही नंबर से संबंधित समस्याओं को भी हल करने का प्रयास किया गया।